2 कुरिन्थियों 4:13-18
2 कुरिन्थियों 4:13-18 पवित्र बाइबल (HERV)
शास्त्र में लिखा है, “मैंने विश्वास किया था इसलिए मैं बोला।” हममें भी विश्वास की वही आत्मा है और हम भी विश्वास करते हैं इसीलिए हम भी बोलते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि जिसने प्रभु यीशु को मरे हुओं में से जिला कर उठाया, वह हमें भी उसी तरह जीवित करेगा जैसे उसने यीशु को जिलाया था। और हमें भी तुम्हारे साथ अपने सामने खड़ा करेगा। ये सब बातें तुम्हारे लिये ही की जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक लोगों में फैलती जा रही परमेश्वर का अनुग्रह, परमेश्वर को महिमा मण्डित करने वाले आधिकाधिक धन्यवाद देने में प्रतिफलित हो सके। इसलिए हम निराश नहीं होते। यद्यपि हमारे भौतिक शरीर क्षीण होते जा रहे हैं, तो भी हमारी अंतरात्मा प्रतिदिन नयी से नयी होती जा रही है। हमारा पल भर का यह छोटा-मोटा दुःख एक अनन्त अतुलनीय महिमा पैदा कर रहा है। जो कुछ देखा जा सकता है, हमारी आँखें उस पर नहीं टिकी हैं, बल्कि अदृश्य पर टिकी हैं। क्योंकि जो देखा जा सकता है, वह विनाशी है, जबकि जिसे नहीं देखा जा सकता, वह अविनाशी है।
2 कुरिन्थियों 4:13-18 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
धर्मग्रन्थ में लिखा है, “मैंने विश्वास किया और इसलिए मैं बोला।” हम विश्वास के उसी मनोभाव से प्रेरित हैं। हम विश्वास करते हैं और इसलिए हम बोलते हैं। हम जानते हैं कि जिसने प्रभु येशु को पुनर्जीवित किया, वही येशु के साथ हम को भी पुनर्जीवित कर देगा और आप लोगों के साथ हम को भी अपने पास रख लेगा। सब कुछ आप लोगों के लिए हो रहा है, ताकि जिस प्रकार परमेश्वर का अनुग्रह अधिक से अधिक लोगों में फैलता जा रहा है, उसी प्रकार परमेश्वर की महिमा के लिए धन्यवाद की प्रार्थना करने वालों की संख्या बढ़ती जाये। यही कारण है कि हम हिम्मत नहीं हारते। हमारे शरीर की शक्ति भले ही क्षीण होती जा रही हो, किन्तु हमारे अभ्यन्तर में दिन-प्रतिदिन नये जीवन का संचार होता रहता है; क्योंकि हमारा क्षण-भर का हलका-सा कष्ट हमें हमेशा के लिए भारी मात्रा में अपार महिमा दिलाता है। इसलिए हमारी आंखें दृश्य पर नहीं, बल्कि अदृश्य वस्तुओं पर टिकी हुई हैं, क्योंकि जो वस्तुएं हम देखते हैं, वे अल्पकालिक हैं। अनदेखी वस्तुएं अनन्तकाल तक बनी रहती हैं।
2 कुरिन्थियों 4:13-18 Hindi Holy Bible (HHBD)
और इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, (जिस के विषय मे लिखा है, कि मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला) सो हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। क्योंकि हम जानते हैं, जिस ने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने साम्हने उपस्थित करेगा। क्योंकि सब वस्तुएं तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए॥ इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएं थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएं सदा बनी रहती हैं।
2 कुरिन्थियों 4:13-18 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
इसलिये कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, जिसके विषय में लिखा है, “मैं ने विश्वास किया, इसलिये मैं बोला।” अत: हम भी विश्वास करते हैं, इसी लिये बोलते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने सामने उपस्थित करेगा। क्योंकि सब वस्तुएँ तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए। इसलिये हम हियाव नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नष्ट होता जाता है, तौभी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। क्योंकि हमारा पल भर का हल्का सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है; और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं; क्योंकि देखी हुई वस्तुएँ थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएँ सदा बनी रहती हैं।
2 कुरिन्थियों 4:13-18 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
और इसलिए कि हम में वही विश्वास की आत्मा है, “जिसके विषय में लिखा है, कि मैंने विश्वास किया, इसलिए मैं बोला।” अतः हम भी विश्वास करते हैं, इसलिए बोलते हैं। (भज. 116:10) क्योंकि हम जानते हैं, जिसने प्रभु यीशु को जिलाया, वही हमें भी यीशु में भागी जानकर जिलाएगा, और तुम्हारे साथ अपने सामने उपस्थित करेगा। क्योंकि सब वस्तुएँ तुम्हारे लिये हैं, ताकि अनुग्रह बहुतों के द्वारा अधिक होकर परमेश्वर की महिमा के लिये धन्यवाद भी बढ़ाए। इसलिए हम साहस नहीं छोड़ते; यद्यपि हमारा बाहरी मनुष्यत्व नाश भी होता जाता है, तो भी हमारा भीतरी मनुष्यत्व दिन प्रतिदिन नया होता जाता है। क्योंकि हमारा पल भर का हलका सा क्लेश हमारे लिये बहुत ही महत्त्वपूर्ण और अनन्त महिमा उत्पन्न करता जाता है। और हम तो देखी हुई वस्तुओं को नहीं परन्तु अनदेखी वस्तुओं को देखते रहते हैं, क्योंकि देखी हुई वस्तुएँ थोड़े ही दिन की हैं, परन्तु अनदेखी वस्तुएँ सदा बनी रहती हैं।
2 कुरिन्थियों 4:13-18 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
विश्वास के उसी भाव में, जैसा कि पवित्र शास्त्र का लेख है: मैंने विश्वास किया, इसलिये मैं चुप न रहा. हम भी यह सब इसलिये कहते हैं कि हमने भी विश्वास किया है. यह जानते हुए कि जिन्होंने प्रभु येशु को मरे हुओं में से जीवित किया, वही हमें भी मसीह येशु के साथ जीवित करेंगे तथा तुम्हारे साथ हमें भी अपनी उपस्थिति में ले जाएंगे. यह सब तुम्हारे हित में है कि अनुग्रह, जो अधिक से अधिक मनुष्यों में व्याप्त होता जा रहा है, परमेश्वर की महिमा के लिए अधिक से अधिक धन्यवाद का कारण बने. इसलिये हम उदास नहीं होते. हमारा बाहरी मनुष्यत्व तो कमजोर होता जा रहा है किंतु भीतरी मनुष्यत्व दिन-प्रतिदिन नया होता जा रहा है. हमारा यह छोटा सा, क्षण-भर का कष्ट हमारे लिए ऐसी अनंत और अत्यधिक महिमा को उत्पन्न कर रहा है, जिसकी तुलना नहीं कर सकते क्योंकि हमने अपना ध्यान उस पर केंद्रित नहीं किया, जो दिखाई देता है परंतु उस पर, जो दिखाई नहीं देता है. जो कुछ दिखाई देता है, वह क्षण-भर का है किंतु जो दिखाई नहीं देता वह अनंत काल का.