2 इतिहास 16:1-10

2 इतिहास 16:1-10 पवित्र बाइबल (HERV)

आसा के राज्यकाल के छत्तीसवें वर्ष बाशा ने यहूदा देश पर आक्रमण किया। बाशा इस्राएल का राजा था। वह रामा नगर में गया और इसे एक किले के रूप में बनाया। बाशा ने रामा नगर का उपयोग यहूदा के राजा आसा के पास जाने और उसके पास से लोगों को आने से रोकने के लिये किया। आसाने यहोवा के मन्दिर के कोषागार में रखे हुए चाँदी और सोने को लिया और उसने राजमहल से चाँदी सोना लिया। तब आसा ने बेन्हदद को सन्देश भेजा। बेन्हदद अराम का राजा था और दमिश्क नगर में रहता था। आसा का सन्देश था: “बेन्हदद मेरे और अपने बीच एक सन्धि होने दो। इस सन्धि को वैसे ही होने दो जैसा वह हमारे पिता और तुम्हारे पिता के बीच की गई थी। ध्यान दो, मैं तुम्हारे पास चाँदी सोना भेज रहा हूँ। अब तुम इस्राएल के राजा बाशा के साथ की गई सन्धि को तोड़ दो जिससे वह मुझे मुक्त छोड़ देगा और मुझे परेशान करना बन्द कर देगा।” बेन्हदद ने आसा की बात मान ली। बेन्हदद ने अपनी सेना के सेनापतियों को इस्राएल के नगरों पर आक्रमण करने के लिये भेजा। इन सेनापतियों ने इय्योन, दान और आबेल्मैम नगरों पर आक्रमण किया। उन्होंने नप्ताली देश में उन सभी नगरों पर आक्रमण किया जहाँ खजाने रखे थे। बाशा ने इस्राएल के नगरों पर आक्रमण की बात सुनी। इसलिए उसने रामा में किला बनाने का काम रोक दिया और अपना काम छोड़ दिया। तब राजा आसा ने यहूदा के सभी लोगों को इकट्ठा किया। वे रामा नगर को गये और लकड़ी तथा पत्थर उठा लाए जिनका उपयोग बाशा ने किला बनाने के लिये किया था। आसा और यहूदा के लोगों ने पत्थरों और लकड़ी का उपयोग गेवा और मिस्पा नगरों को अधिक मजबूत बनाने के लिये किया। उस समय दृष्टा हनानी यहूदा के राजा आसा के पास आया। हनानी ने उससे कहा, “आसा, तुम सहायता के लिये अराम के राजा पर आश्रित हुए, अपने यहोवा परमेश्वर पर नहीं। तुम्हें यहोवा पर आश्रित रहना चाहिये था। तुम याहोवा पर सहायता के लिये आश्रित नहीं रहे अतः अराम के राजा की सेना तुमसे भाग निकली। कूश और लूबी अति विशाल और शक्तिशाली सेना रखते थे। उनके पास अनेक रथ और सारथी थे। किन्तु आसा, तुम उस विशाल शक्तिशाली सेना को हराने में सहायता के लिये यहोवा पर आश्रित हुए और यहोवा ने तुम्हें उनको हराने दिया। यहोवा की आँखें सारी पृथ्वी पर उन लोगों को देखती फिरती हैं जो उसके प्रति श्रद्धालु हैं जिससे वह उन लोगों को शक्तिशाली बना सके। आसा, तुमने मूर्खतापूर्ण काम किया। इसलिये अब से लेकर आगे तक तुमसे युद्ध होंगे।” आसा हनानी पर उस बात से क्रोधित हुआ जो उसने कहा। आसा इतना क्रोध से पागल हो उठा कि उसने हनानी को बन्दीगृह में डाल दिया। आसा उस समय कुछ लोगों के साथ नीचता और कठोरता का व्यवहार करता था।

2 इतिहास 16:1-10 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

आसा के राज्‍य के छत्तीसवें वर्ष में इस्राएल प्रदेश के राजा बाशा ने यहूदा प्रदेश पर आक्रमण किया, और रामाह नगर की किलाबन्‍दी कर दी जिससे यहूदा प्रदेश के राजा आसा के आवागमन का मार्ग अवरुद्ध हो गया। तब आसा ने प्रभु के भवन और अपने राजमहल के खजाने का सोना-चांदी निकाला और उसको अपने सेवकों के हाथ से बेन-हदद के पास भेज दिया। बेन-हदद सीरिया देश का राजा था। वह दमिश्‍क नगर में रहता था। आसा ने यह सन्‍देश बेन-हदद के पास भेजा, ‘जैसे मेरे पिता और आपके पिता के मध्‍य सन्‍धि थी वैसे ही, आइए, मैं और आप सन्‍धि करें। मैं आपकी सेवा में सोना-चांदी का उपहार भेज रहा हूँ। कृपया, आप इस्राएल प्रदेश के राजा बाशा से सन्‍धि-विच्‍छेद कर लीजिए ताकि वह मेरे पास से पीछे हट जाए।’ बेन-हदद ने राजा आसा की बात सुनी। उसने इस्राएल प्रदेश के नगरों पर आक्रमण करने के लिए अपने सेनापति भेजे। सेनापतियों ने इस्राएल प्रदेश के इयोन, दान, आबेलमईम नगरों और नफ्‍ताली कुल-क्षेत्र के भण्‍डार-नगर जीत लिए। जब बाशा ने यह समाचार सुना तब उसने तत्‍काल रामाह नगर की किलाबन्‍दी का कार्य रोक दिया, और निर्माण-कार्य बन्‍द कर दिया। राजा आसा अपने साथ समस्‍त यहूदा प्रदेश के निवासियों को ले गया। जिन पत्‍थरों और लकड़ियों से राजा बाशा रामाह नगर की किलाबन्‍दी कर रहा था, उनको यहूदा प्रदेश के निवासी ढोकर ले गए। राजा आसा ने उन पत्‍थरों और लकड़ियों से गेबा नगर और मिस्‍पाह नगर की किलाबन्‍दी की। उन्‍हीं दिनों में यहूदा प्रदेश के राजा आसा के पास एक द्रष्‍टा आया। उसक नाम हनानी था। उसने राजा से कहा, ‘महाराज, आपने अपने प्रभु परमेश्‍वर पर नहीं, बल्‍कि सीरिया के राजा पर भरोसा किया। इसलिए सीरिया के राजा की सेना आपके हाथ से बच गई। महाराज, क्‍या इथियोपियाई और लीबियाई सेनाएं कम शक्‍तिशाली सेनाएं थीं? क्‍या उनकी विशाल सेनाओं में असंख्‍य रथ और घुड़सवार नहीं थे? फिर भी आपने प्रभु पर भरोसा किया था, और उसने उनको आपके हाथ में कर दिया था। सम्‍पूर्ण पृथ्‍वी पर प्रभु की दृष्‍टि यहां से वहां दौड़ती रहती है, ताकि वह अपने उन भक्‍तों को अपना सामर्थ्य दिखा सके जो निष्‍कलंक हृदय से प्रभु पर विश्‍वास करते हैं। किन्‍तु महाराज, आपने यह बहुत मूर्खतापूर्ण कार्य किया। इसलिए अब से आप निरन्‍तर युद्ध में जूझते रहेंगे।’ यह सुनकर राजा आसा द्रष्‍टा से बहुत नाराज हुआ। उसने द्रष्‍टा को काठ की बेड़ी से जकड़ दिया और कारागार में डाल दिया। वह द्रष्‍टा की बात सुनकर उसके प्रति क्रोधाग्‍नि से धधक उठा था। उन्‍हीं दिनों में राजा आसा ने जनता के कुछ लोगों से निर्दय व्‍यवहार भी किया।

2 इतिहास 16:1-10 Hindi Holy Bible (HHBD)

आसा के राज्य के छत्तीसवें वर्ष में इस्राएल के राजा बाशा ने यहूदा पर चढ़ाई की और रामा को इसलिये दृढ़ किया, कि यहूदा के राजा आसा के पास कोई आने जाने न पाए। तब आसा ने यहोवा के भवन और राजभवन के भणडारों में से चान्दी-सोना निकाल दमिश्कवासी अराम के राजा बेन्हदद के पास दूत भेज कर यह कहा, कि जैसे मेरे-तेरे पिता के बीच वैसे ही मेरे-तेरे बीच भी वाचा बन्धे; देख मैं तेरे पास चान्दी-सोना भेजता हूं, इसलिये आ, इस्राएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को तोड़ दे, ताकि वह मुझ से दूर हो। बेन्हदद ने राजा आसा की यह बात मान कर, अपने दलों के प्रधानों से इस्राएली नगरों पर चढ़ाई करवा कर इय्योन, दान, आबेल्मैम और नप्ताली के सब भणडार वाले नगरों को जीत लिया। यह सुनकर बाशा ने रामा को दृढ़ करना छोड़ दिया, और अपना वह काम बन्द करा दिया। तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामा के पत्थरों और लकड़ी को, जिन से बासा काम करता था, उठा ले गया, और उन से उसने गेवा, और मिस्पा को दृढ़ किया। उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जा कर कहने लगा, तू ने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है। क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उस में बहुत ही रथ, और सवार न थे? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उन को तेरे हाथ में कर दिया। देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपना सामर्थ दिखाए। तूने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फंसा रहेगा। तब आसा दशीं पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। और उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों को पीसने भी लगा।

2 इतिहास 16:1-10 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

आसा के राज्य के छत्तीसवें वर्ष में इस्राएल के राजा बाशा ने यहूदा पर चढ़ाई की और रामा को इसलिये दृढ़ किया कि यहूदा के राजा आसा के पास कोई आने जाने न पाए। तब आसा ने यहोवा के भवन और राजभवन के भण्डारों में से चाँदी–सोना निकाल दमिश्कवासी अराम के राजा बेन्हदद के पास दूत भेजकर यह कहा, “जैसे मेरे–तेरे पिता के बीच वैसे ही मेरे–तेरे बीच भी वाचा बन्धे; देख मैं तेरे पास चाँदी–सोना भेजता हूँ, इसलिये आ, इस्राएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को तोड़ दे, ताकि वह मुझ से दूर हो।” बेन्हदद ने राजा आसा की यह बात मानकर, अपने दलों के प्रधानों से इस्राएली नगरों पर चढ़ाई करवाकर इय्योन, दान, आबेल्मैम और नप्‍ताली के सब भण्डारवाले नगरों को जीत लिया। यह सुनकर बाशा ने रामा को दृढ़ करना छोड़ दिया, और अपना वह काम बन्द करा दिया। तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामा के पत्थरों और लकड़ी को, जिन से बाशा काम करता था, उठा ले गया, और उनसे उसने गेवा, और मिस्पा को दृढ़ किया। उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जाकर कहने लगा, “तू ने जो अपने परमेश्‍वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन् अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है। क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उसमें बहुत से रथ, और सवार न थे? तौभी तू ने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उनको तेरे हाथ में कर दिया। देख, यहोवा की दृष्‍टि सारी पृथ्वी पर इसलिये फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी सामर्थ्य दिखाए। तू ने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिये अब से तू लड़ाइयों में फँसा रहेगा।” तब आसा दर्शी पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों पर अत्याचार भी करने लगा।

2 इतिहास 16:1-10 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

आसा के राज्य के छत्तीसवें वर्ष में इस्राएल के राजा बाशा ने यहूदा पर चढ़ाई की और रामाह को इसलिए दृढ़ किया, कि यहूदा के राजा आसा के पास कोई आने-जाने न पाए। तब आसा ने यहोवा के भवन और राजभवन के भण्डारों में से चाँदी-सोना निकाल दमिश्कवासी अराम के राजा बेन्हदद के पास दूत भेजकर यह कहा, “जैसे मेरे तेरे पिता के बीच वैसे ही मेरे तेरे बीच भी वाचा बंधे; देख मैं तेरे पास चाँदी-सोना भेजता हूँ, इसलिए आ, इस्राएल के राजा बाशा के साथ की अपनी वाचा को तोड़ दे, ताकि वह मुझसे दूर हो।” बेन्हदद ने राजा आसा की यह बात मानकर, अपने दलों के प्रधानों से इस्राएली नगरों पर चढ़ाई करवाकर इय्योन, दान, आबेल्मैम और नप्ताली के सब भण्डारवाले नगरों को जीत लिया। यह सुनकर बाशा ने रामाह को दृढ़ करना छोड़ दिया, और अपना वह काम बन्द करा दिया। तब राजा आसा ने पूरे यहूदा देश को साथ लिया और रामाह के पत्थरों और लकड़ी को, जिनसे बाशा काम करता था, उठा ले गया, और उनसे उसने गेबा, और मिस्पा को दृढ़ किया। उस समय हनानी दर्शी यहूदा के राजा आसा के पास जाकर कहने लगा, “तूने जो अपने परमेश्वर यहोवा पर भरोसा नहीं रखा वरन् अराम के राजा ही पर भरोसा रखा है, इस कारण अराम के राजा की सेना तेरे हाथ से बच गई है। क्या कूशियों और लूबियों की सेना बड़ी न थी, और क्या उसमें बहुत से रथ, और सवार न थे? तो भी तूने यहोवा पर भरोसा रखा था, इस कारण उसने उनको तेरे हाथ में कर दिया। देख, यहोवा की दृष्टि सारी पृथ्वी पर इसलिए फिरती रहती है कि जिनका मन उसकी ओर निष्कपट रहता है, उनकी सहायता में वह अपनी सामर्थ्य दिखाए। तूने यह काम मूर्खता से किया है, इसलिए अब से तू लड़ाइयों में फँसा रहेगा।” तब आसा दर्शी पर क्रोधित हुआ और उसे काठ में ठोंकवा दिया, क्योंकि वह उसकी ऐसी बात के कारण उस पर क्रोधित था। और उसी समय से आसा प्रजा के कुछ लोगों पर अत्याचार भी करने लगा।

2 इतिहास 16:1-10 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

आसा के शासनकाल के छत्तीसवें साल में बाशा ने यहूदिया पर हमला कर दिया और रामाह नगर को बसाया, इसलिये कि इस्राएल का कोई भी व्यक्ति इस्राएल की सीमा से बाहर न जाने पाए और न कोई यहूदिया के राजा आसा के पास जा सके. इसलिये आसा ने याहवेह के भवन के खजाने से और राजमहल से चांदी और सोना निकालकर दमेशेक में अराम के राजा बेन-हदद को इस संदेश के साथ भेज दिया. “आपके और मेरे बीच एक वाचा बांधी जाए—ठीक जैसी मेरे और आपके पिता के बीच थी. मैं आपके लिए सोना और चांदी भेज रहा हूं. आप इस्राएल के राजा बाशा से अपनी वाचा तोड़ दीजिए, कि वह यहां से अपनी सेनाएं हटा ले.” बेन-हदद राजा आसा के प्रस्ताव से राज़ी हो गया. उसने इस्राएल राज्य के नगरों के विरुद्ध अपने सैन्य अधिकारी भेज दिए. इयोन, दान, आबेल-माइम और नफताली क्षेत्र के सभी भंडार नगर अपने अधिकार में कर लिए. जब बाशा को यह समाचार प्राप्‍त हुआ, उसने रामाह का गढ़ बनाना रोक कर सारा काम समाप्‍त कर दिया. राजा आसा ने सारी यहूदी जनता को वहां ले जाकर रामाह के निर्माण स्थल से सारे पत्थर और लकड़ियां इकट्ठा कर लीं, जिनसे बाशा बनाने का काम कर रहा था. इस सामान को लेकर उसने गेबा और मिज़पाह नगरों की गढ़बन्दी कर दी. उसी समय दर्शी हनानी ने यहूदिया के राजा आसा से कहा, “इसलिये कि आपने याहवेह, अपने परमेश्वर पर भरोसा करने की बजाय अराम के राजा पर भरोसा किया है, इस्राएल के राजा की सेना अब आपसे बचकर निकल गई है. क्या कूश देश की और लिबिया की सेना बहुत ही बड़ी और अनगिनत सेना न थी, जिसमें बड़ी संख्या में रथ और घुड़सवार थे? फिर भी इसलिये कि उस स्थिति में आपने याहवेह पर भरोसा किया था, याहवेह ने आपको उन पर विजय दी थी. क्योंकि याहवेह की आंखें पूरी पृथ्वी पर हर जगह घूमती रहती हैं, कि वह उन्हें मजबूत कर सकें, जिनके मन उनके प्रति पूरी तरह से सच्चे है. इस स्थिति में आपने मूर्खता कर डाली है. इसलिये अब से आप निश्चित ही युद्धों में ही लगे रहेंगे.” यह सुनना था कि आसा दर्शी पर इतना गुस्सा हो गया कि उसने दर्शी को जेल में डाल दिया; क्योंकि वह दर्शी की इस बात से बहुत ही गुस्सा हो गया था. इसी समय आसा ने कुछ लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया था.