1 तिमोथी 6:6-8
1 तिमोथी 6:6-8 पवित्र बाइबल (HERV)
निश्चय ही परमेश्वर की सेवा-भक्ति से ही व्यक्ति सम्पन्न बनता है। इसी से संतोष मिलता है। क्योंकि हम संसार में न तो कुछ लेकर आए थे और न ही यहाँ से कुछ लेकर जा पाएँगे। सो यदि हमारे पास रोटी और कपड़ा है तो हम उसी में सन्तुष्ट हैं।
1 तिमोथी 6:6-8 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
वैसे भक्ति है भी महान लाभ का साधन, यदि वह संतोष से युक्त हो। हम न तो इस संसार में कुछ अपने साथ लाये हैं और न यहाँ से कुछ ले जा सकते हैं। यदि हमारे पास भोजन-वस्त्र है, तो हमें इस से सन्तुष्ट रहना चाहिए।
1 तिमोथी 6:6-8 Hindi Holy Bible (HHBD)
पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। और यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए।
1 तिमोथी 6:6-8 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
पर सन्तोष सहित भक्ति बड़ी कमाई है। क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा सकते हैं। यदि हमारे पास खाने और पहिनने को हो, तो इन्हीं पर सन्तोष करना चाहिए।