1 तिमोथी 1:5-7
1 तिमोथी 1:5-7 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
आज्ञा का सारांश यह है कि शुद्ध मन और अच्छे विवेक, और कपटरहित विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो। इनको छोड़कर कितने लोग बकवाद की ओर भटक गए हैं, और व्यवस्थापक तो होना चाहते हैं, पर जो बातें कहते और जिनको दृढ़ता से बोलते हैं, उनको समझते भी नहीं।
1 तिमोथी 1:5-7 पवित्र बाइबल (HERV)
इस आग्रह का प्रयोजन है वह प्रेम जो पवित्र हृदय, उत्तम चेतना और छल रहित विश्वास से उत्पन्न होता है। कुछ लोग तो इन बातों से छिटक कर भटक गये हैं और बेकार के वाद-विवादों में जा फँसे हैं। वे व्यवस्था के विधान के उपदेशक तो बनना चाहते हैं, पर जो कुछ वे कह रहे हैं या जिन बातों पर वे बहुत बल दे रहे हैं, उन तक को वे नहीं समझते।
1 तिमोथी 1:5-7 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
इस आदेश का लक्ष्य वह प्रेम है, जो शुद्ध हृदय, निर्दोष अन्त:करण और निष्कपट विश्वास से उत्पन्न होता है। कुछ लोग इस मार्ग को छोड़ कर निरर्थक वाद-विवाद में भटक गये हैं। वे व्यवस्था के शास्त्री होने का दावा करते हैं, किन्तु वे जिन शब्दों का प्रयोग करते हैं और जिन विषयों पर इतना बल देते हैं, उन्हें स्वयं नहीं समझते हैं।
1 तिमोथी 1:5-7 Hindi Holy Bible (HHBD)
आज्ञा का सारांश यह है, कि शुद्ध मन और अच्छे विवेक, और कपट रहित विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो। इन को छोड़ कर कितने लोग फिर कर बकवाद की ओर भटक गए हैं। और व्यवस्थापक तो होना चाहते हैं, पर जो बातें कहते और जिन को दृढ़ता से बोलते हैं, उन को समझते भी नहीं।
1 तिमोथी 1:5-7 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
आज्ञा का सारांश यह है कि शुद्ध मन और अच्छे विवेक, और निष्कपट विश्वास से प्रेम उत्पन्न हो। इनको छोड़कर कितने लोग फिरकर बकवाद की ओर भटक गए हैं, और व्यवस्थापक तो होना चाहते हैं, पर जो बातें कहते और जिनको दृढ़ता से बोलते हैं, उनको समझते भी नहीं।
1 तिमोथी 1:5-7 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
हमारी आज्ञा का उद्देश्य है निर्मल हृदय से उत्पन्न प्रेम, शुद्ध अंतरात्मा तथा निष्कपट विश्वास. कुछ हैं, जो रास्ते से भटक कर व्यर्थ के वाद-विवाद में फंस गए हैं. वे व्यवस्था के शिक्षक बनने की अभिलाषा तो करते हैं परंतु वे जो कहते हैं और जिन विषयों का वे दृढ़ विश्वासपूर्वक दावा करते हैं, स्वयं ही उन्हें नहीं समझते.