1 शमूएल 2:12-17

1 शमूएल 2:12-17 पवित्र बाइबल (HERV)

एली के पुत्र बुरे व्यक्ति थे। वे यहोवा की परवाह नहीं करते थे। वे इसकी परवाह नहीं करते थे कि याजकों से लोगों के प्रति कैसे व्यवहार की आशा की जाती है। याजकों को लोगों के लिये यह करना चाहिए: जब कभी कोई व्यक्ति बलि—भेंट लाये, तो याजक को एक बर्तन में माँस को उबालना चाहिये। याजक के सेवक को अपने हाथ में विशेष काँटा जिसके तीन नोंक हैं, लेकर आना चाहिए। याजक के सेवक को काँटे को बर्तन या पतीले में डालना चाहिए। काँटें से जो कुछ बर्तन के बाहर लाये वह माँस याजक का होगा। यह याजकों द्वारा उन इस्राएलियों के लिये किया जाना चाहिये जो शीलो में बलि भेंट करने आयें। किन्तु एली के पुत्रों ने यह नहीं किया। चर्बी को वेदी पर जलाये जाने के पहले ही उनके सेवक लोगों के पास बलि—भेंट करते जाते थे। याजक के सेवक कहा करते थे, “याजक को कुछ माँस भूनने के लिये दो। याजक तुमसे उबला हुआ माँस नहीं लेंगे।” बलि—भेंट करने वाला व्यक्ति यह कह सकता था, “पहले चर्बी जलाओ, तब तुम जो चाहो ले सकते हो।” यदि ऐसा होता तो याजक का सेवक उत्तर देता: “नहीं, मुझे अभी माँस दो, यदि तुम मुझे यह नहीं देते हो तो मैं इसे तुमसे ले ही लूँगा।” इस प्रकार, होप्नी और पीनहास यह दिखाते थे कि वे यहोवा को भेंट की गई बलि के प्रति श्रद्धा नहीं रखते थे। यह यहोवा के विरुद्ध बहुत बुरा पाप था!

1 शमूएल 2:12-17 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

एली के पुत्र बदमाश और गुण्‍डे थे। उन्‍हें प्रभु का अनुभव नहीं था। आराधकों के सम्‍बन्‍ध में पुरोहित की यह प्रथा थी: जब कोई व्यक्‍ति पशु की बलि करता तब पुरोहित का सेवक अपने हाथ में त्रिशूल लेकर आ जाता था। जब मांस कड़ाही, देगची, हण्‍डा अथवा हण्‍डी में पकने लगता तब सेवक त्रिशूल को उस में चुभोता था। जो मांस त्रिशूल में लग जाता, वह पुरोहित ले लेता था। शिलोह में आने वाले हरएक इस्राएली के साथ ऐसा ही व्‍यवहार किया जाता था। इसके अतिरिक्‍त पुरोहित का सेवक चर्बी जलाने के पूर्व बलि चढ़ाने वाले व्यक्‍ति के पास आता, और उससे यह कहता था, ‘भूंजने के लिए पुरोहित का मांस दो। वह तुमसे पका हुआ मांस नहीं, वरन् कच्‍चा मांस लेंगे।’ यदि बलि चढ़ाने वाला व्यक्‍ति उसको यह उत्तर देता, ‘पहले उन्‍हें चर्बी जला लेने दो। उसके बाद जितना मांस लेने की इच्‍छा हो, उतना ले लेना’, तो सेवक उससे कहता था, ‘नहीं! मुझे अभी कच्‍चा मांस दो। यदि तुम नहीं दोगे तो मैं उसको बल-पूर्वक ले लूँगा।’ युवा पुरोहितों का यह पाप प्रभु की दृष्‍टि में अत्‍यन्‍त गंभीर था, क्‍योंकि वे प्रभु की भेंट का तिरस्‍कार करते थे।

1 शमूएल 2:12-17 Hindi Holy Bible (HHBD)

एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना। और याजकों की रीति लोगों के साथ यह थी, कि जब कोई मनुष्य मेलबलि चढ़ाता था तब याजक का सेवक मांस पकाने के समय एक त्रिशूली कांटा हाथ में लिये हुए आकर, उसे कड़ाही, वा हांडी, वा हंडे, वा तसले के भीतर डालता था; और जितना मांस कांटे में लग जाता था उतना याजक आप लेता था। यों ही वे शीलो में सारे इस्राएलियों से किया करते थे जो वहां आते थे। और चर्बी जलाने से पहिले भी याजक का सेवक आकर मेलबलि चढ़ाने वाले से कहता था, कि कबाब के लिये याजक को मांस दे; वह तुझ से पका हुआ नहीं, कच्चा ही मांस लेगा। और जब कोई उस से कहता, कि निश्चय चर्बी अभी जलाई जाएगी, तब जितना तेरा जी चाहे उतना ले लेना, तब वह कहता था, नहीं, अभी दे; नहीं तो मैं छीन लूंगा। इसलिये उन जवानों का पाप यहोवा की दृष्टि में बहुत भारी हुआ; क्योंकि वे मनुष्य यहोवा की भेंट का तिरस्कार करते थे॥

1 शमूएल 2:12-17 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

एली के पुत्र तो लुच्‍चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहिचाना। याजकों की रीति लोगों के साथ यह थी, कि जब कोई मनुष्य मेलबलि चढ़ाता था तब याजक का सेवक मांस पकाने के समय एक तीन नोकवाला काँटा हाथ में लिये हुए आकर उसे कड़ाही, या हंडी, या हंडे, या तसले के भीतर डालता था; और जितना मांस काँटे में लग जाता था उतना याजक आप ले लेता था। ऐसा ही वे शीलो में सारे इस्राएलियों से किया करते थे जो वहाँ आते थे। और चर्बी जलाने से पहले भी याजक का सेवक आकर मेलबलि चढ़ानेवाले से कहता था, “भूनने के लिये याजक को मांस दे; वह तुझ से पका हुआ नहीं, कच्‍चा ही मांस लेगा।” और जब कोई उससे कहता, “निश्‍चय चर्बी अभी जलाई जाएगी, तब जितना तेरा जी चाहे उतना ले लेना,” तब वह कहता था, “नहीं, अभी दे; नहीं तो मैं छीन लूँगा।” इसलिये उन जवानों का पाप यहोवा की दृष्‍टि में बहुत भारी हुआ; क्योंकि वे मनुष्य यहोवा की भेंट का तिरस्कार करते थे।

1 शमूएल 2:12-17 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

एली के पुत्र तो लुच्चे थे; उन्होंने यहोवा को न पहचाना। याजकों की रीति लोगों के साथ यह थी, कि जब कोई मनुष्य मेलबलि चढ़ाता था तब याजक का सेवक माँस पकाने के समय एक नोकवाला काँटा हाथ में लिये हुए आकर, उसे कड़ाही, या हाण्डी, या हँडे, या तसले के भीतर डालता था; और जितना माँस काँटे में लग जाता था उतना याजक आप ले लेता था। ऐसा ही वे शीलो में सारे इस्राएलियों से किया करते थे जो वहाँ आते थे। और चर्बी जलाने से पहले भी याजक का सेवक आकर मेलबलि चढ़ानेवाले से कहता था, “भूनने के लिये याजक को माँस दे; वह तुझ से पका हुआ नहीं, कच्चा ही माँस लेगा।” और जब कोई उससे कहता, “निश्चय चर्बी अभी जलाई जाएगी, तब जितना तेरा जी चाहे उतना ले लेना,” तब वह कहता था, “नहीं, अभी दे; नहीं तो मैं छीन लूँगा।” इसलिए उन जवानों का पाप यहोवा की दृष्टि में बहुत भारी हुआ; क्योंकि वे मनुष्य यहोवा की भेंट का तिरस्कार करते थे।

1 शमूएल 2:12-17 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

एली के पुत्र बुरे चरित्र के थे. उनके लिए न तो याहवेह के अधिकार का कोई महत्व था; और न ही बलि चढ़ाने की प्रक्रिया में जनसाधारण के साथ पुरोहितों की सामान्य रीति का. होता यह था कि जब बलि चढ़ाई जा चुकी थी, और बर्तन में मांस उबाला जा रहा था, पुरोहित का सेवक एक तीन तरफा कांटा लिए हुए बर्तन के निकट आता था, वह इसे बर्तन में डालकर चुभोता था और जितना मांस तीन तरफा कांटा में लगा हुआ आता था, उसे पुरोहित अपने लिए रख लेता था. ऐसा वे शीलो नगर में आए सभी इस्राएलियों के साथ करते थे. यहां तक कि सांस्कारिक रीति से चर्बी के जलाए जाने के पहले ही पुरोहित के सेवक आकर बलि चढ़ाने वाले व्यक्ति को आदेश देते थे, “बर्तन में डाले जाने के पहले ही पुरोहित के लिए निर्धारित मांस हमें कच्चा ही दे दो कि उसे भूनकर प्रयुक्त किया जा सके.” यदि बलि अर्पित करनेवाला व्यक्ति उत्तर में यह कहता था, “ज़रा वसा तो जल जाने दो, फिर जो चाहे वह अंश ले लेना,” वे कहते थे, “नहीं, यह तो हम अभी ही ले जाएंगे; यदि नहीं दोगे, तो हम ज़बरदस्ती ले जाएंगे.” याहवेह की दृष्टि में यह बहुत ही गंभीर पाप था; क्योंकि ऐसा करते हुए वे याहवेह को चढ़ाई गई बलि का अपमान कर रहे थे.