1 शमूएल 1:15-18
1 शमूएल 1:15-18 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
हन्ना ने कहा, “नहीं, हे मेरे प्रभु, मैं तो दु:खिया हूँ; मैं ने न तो दाखमधु पिया है और न मदिरा, मैं ने अपने मन की बात खोलकर यहोवा से कही है। अपनी दासी को ओछी स्त्री न जान, जो कुछ मैं ने अब तक कहा है, वह बहुत ही शोकित होने और चिढ़ाई जाने के कारण कहा है।” एली ने कहा, “कुशल से चली जा; इस्राएल का परमेश्वर तुझे मन चाहा वर दे।” उसने कहा, “तेरी दासी तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाए।” तब वह स्त्री चली गई और खाना खाया, और उसका मुँह फिर उदास न रहा।
1 शमूएल 1:15-18 पवित्र बाइबल (HERV)
हन्ना ने उत्तर दिया, “मैंने दाखमधु या दाखरस नहीं पिया है। मैं बहुत अधिक परेशान हूँ। मैं यहोवा से प्रार्थना करके अपनी समस्याओं का निवेदन कर रही थी। मत सोचो कि मैं बुरी स्त्री हूँ। मैं इतनी देर तक इसलिए प्रार्थना कर रही थी कि मुझे अनेक परेशानियाँ हैं और में बहुत दुःखी हूँ।” एली ने उत्तर दिया, “शान्तिपूर्वक जाओ। इस्राएल का परमेश्वर तुम्हें वह दे, जो तुमने मांगा है।” हन्ना ने कहा, “मुझे आशा है कि आप मुझसे प्रसन्न हैं।” तब हन्ना गई और उसने कुछ खाया। वह अब दु:खी नहीं थी।
1 शमूएल 1:15-18 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
हन्नाह ने उत्तर दिया, ‘नहीं, मेरे स्वामी, मैं ऐसी स्त्री हूँ, जिसके दिन कठिनाई से बीत रहे हैं। न मैंने अंगूर का रस पीया है, और न शराब। मैं प्रभु के सम्मुख अपने प्राण को उण्डेल रही थी। कृपया मुझे, अपनी सेविका को ओछी स्त्री मत समझिए। मैं अपने दु:ख और चिढ़ की अधिकता के कारण अब तक बात करती रही।’ एली ने कहा, ‘शान्ति से जाओ! जो मांग तुमने इस्राएल के परमेश्वर से की है, वह तुम्हें प्रदान करे।’ हन्नाह ने कहा, ‘मुझ पर, आपकी सेविका पर, आपकी कृपा-दृष्टि बनी रहे!’ यह कहकर वह अपनी राह चली गई। वह भोजन-कक्ष में आई। उसने अपने पति के साथ भोजन किया। उस दिन के बाद उसने फिर कभी मुँह नहीं लटकाया।
1 शमूएल 1:15-18 Hindi Holy Bible (HHBD)
हन्ना ने कहा, नहीं, हे मेरे प्रभु, मैं तो दु:खिया हूं; मैं ने न तो दाखमधु पिया है और न मदिरा, मैं ने अपने मन की बात खोल कर यहोवा से कही है। अपनी दासी को ओछी स्त्री न जान जो कुछ मैं ने अब तक कहा है, वह बहुत ही शोकित होने और चिढ़ाई जाने के कारण कहा है। एली ने कहा, कुशल से चली जा; इस्राएल का परमेश्वर तुझे मन चाहा वर दे। उसे ने कहा, तेरी दासी तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाए। तब वह स्त्री चली गई और खाना खाया, और उसका मुंह फिर उदास न रहा।
1 शमूएल 1:15-18 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
हन्ना ने कहा, “नहीं, हे मेरे प्रभु, मैं तो दुःखिया हूँ; मैंने न तो दाखमधु पिया है और न मदिरा, मैंने अपने मन की बात खोलकर यहोवा से कही है। अपनी दासी को ओछी स्त्री न जान, जो कुछ मैंने अब तक कहा है, वह बहुत ही शोकित होने और चिढ़ाई जाने के कारण कहा है।” एली ने कहा, “कुशल से चली जा; इस्राएल का परमेश्वर तुझे मन चाहा वर दे।” (मर. 5:34) उसने कहा, “तेरी दासी तेरी दृष्टि में अनुग्रह पाए।” तब वह स्त्री चली गई और खाना खाया, और उसका मुँह फिर उदास न रहा।
1 शमूएल 1:15-18 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
इस पर हन्नाह ने उन्हें उत्तर दिया, “मेरे प्रभु, स्थिति यह नहीं है, मैं बहुत ही गहन वेदना में हूं. न तो मैंने दाखमधु पान किया है, और न ही द्राक्षारस. मैं अपनी पूरी वेदना याहवेह के सामने उंडेल रही थी. अपनी सेविका को निकम्मी स्त्री न समझिए, क्योंकि यहां मैं अपनी घोर पीड़ा और संताप में यह सम्भाषण कर रही थी.” इस पर एली ने उससे कहा, “शांति में यहां से विदा हो. इस्राएल के परमेश्वर तुम्हारी अभिलाषित इच्छा पूरी करें.” हन्नाह ने उत्तर दिया, “आपकी सेविका पर आपका अनुग्रह बना रहे.” यह कहते हुए अपने स्थान को लौट गई और वहां उसने भोजन किया. अब उसके चेहरे पर उदासी नहीं देखी गई.