1 राजा 22:28-53

1 राजा 22:28-53 पवित्र बाइबल (HERV)

मीकायाह न जोर से कहा, “आप सभी लोग सुने जो मैं कहता हूँ। राजा अहाब, यदि तुम युद्ध से घर जीवित लौट आओगे, तो समझना कि योहवा ने मेरे मुँह से अपना वचन नहीं कहा था।” तब राजा अहाब और राजा यहोशापात रामोत में अराम की सेना से युद्ध करने गए। यह गिलाद नामक क्षेत्र में था। अहाब ने यहोशापात से कहा, “हम युद्ध की तैयारी करेंगे। मैं ऐसे वस्त्र पहनूँगा जो मुझे ऐसा रूप देंगे कि मैं ऐसा लगूँगा कि मैं राजा नहीं हूँ। किन्तु तुम अपने विशेष वस्त्र पहनो जिससे तुम ऐसे लगो कि तुम राजा हो।” इस प्रकार इस्राएल के राजा ने युद्ध का आरम्भ उस व्यक्ति की तरह वस्त्र पहनकर किया जो राजा न हो। अराम के राजा के पास बत्तीस रथ—सेनापति थे। उस राजा ने इन बत्तीस रथ—सेनापतियों को आदेश दिया कि वे इस्राएल के राजा को खोज निकाले। अराम के राजा ने सेनापतियों से कहा कि उन्हें राजा को अवश्य मार डालना चाहिये। अत: युद्ध के बीच इन सेनापतियों ने राजा यहोशापात को देखा। सेनापतियों ने समझा कि वही इस्राएल का राजा है। अत: वे उसे मारने गए। यहोशापत ने चिल्लाना आरम्भ किया। सेनापतियों ने समझ लिया कि वह राजा अहाब नहीं है। अत: उन्होंने उसे नहीं मारा। किन्तु एक सैनिक ने हवा में बाण छोड़ा, वह किसी विशेष व्यक्ति को अपना लक्ष्य नहीं बना रहा था। किन्तु उसका बाण इस्राएल के राजा अहाब को जा लगा। बाण ने राजा को उस छोटी जगह में बेधा, जो शरीर का भाग उसके कवच से ढका नहीं था। अत: राजा अहाब ने अपने सारथी से कहा, “मुझे एक बाण ने बेध दिया है! इस क्षेत्र से रथ को बाहर ले चलो। हमें युद्ध से दूर निकल जाना चाहिये।” सेनायें युद्ध में लड़ती रहीं। राजा अहाब अपने रथ में ठहरा रहा। वह रथ के सहारे एक ओर झुका हुआ था। वह अराम की सेना को देख रहा था। उसका खून नीचे बहता रहा और उसने रथ के तले को ढक लिया। बाद में, शाम को राजा मर गया। सन्ध्या के समय इस्राएल की सेना के सभी पुरुषों को अपने नगर और प्रदेश वापस लौटने का आदेश दिया गया। अत: राजा अहाब इस प्रकार मरा। कुछ व्यक्ति उसके शव को शोमरोन ले आए। उन्होंने उसे वहीं दफना दिया। लोगों ने अहाब के रथ को शोमरोन में जल के कुंड में धोया। राजा अहाब के खून को रथ से, कुत्तों ने चाटा और वेश्याओं ने पानी का उपयोग नहाने के लिये किया। ये बातें वैसे ही हुई जैसा यहोवा ने होने को कहा था। अपने राज्यकाल में अहाब ने जो कुछ किया वह इस्राएल के राजाओं के इतिहास नामक पुस्तक में लिखा है। उसी पुस्तक में राजा ने अपने महल को अधिक सुन्दर बनाने के लिये जिस हाथी—दाँत का उपयोग किया था, उसके बारे में कहा गया है और उस पुस्तक में उन नगरों के बारे में भी लिखा गया है जिसे उसने बनाया था। अहाब मरा, और अपने पूर्वजों के पास दफना दिया गया। उसका पुत्र अहज्याह राजा बना। इस्राएल के राजा अहाब के राज्यकाल के चौथे वर्ष यहोशापात यहूदा का राजा हुआ। यहोशापात आसा का पुत्र था। यहोशापात जब राजा हुआ तब वह पैंतीस वर्ष का था। यहोशापात ने यरूशलेम में पच्चीस वर्ष तक राज्य किया। यहोशापात की माँ का नाम अजूबा था। अजूबा शिल्ही की पुत्री थी। यहोशापात अच्छा व्यक्ति था। उसने अपने पूर्व अपने पिता के जैसे ही काम किये। वह उन सबका पालन करता था जो यहोवा चाहता था। किन्तु यहोशापात ने उच्च स्थानों को नष्ट नहीं किया। लोगों ने उन स्थानों पर बलि—भेंट करना और सुगन्धि जलाना जारी रखा। यहोशापात ने इस्राएल के राजा के साथ एक शान्ति—सन्धि की। यहोशापात बहुत वीर था और उसने कई युद्ध लड़े। जो कुछ उसने किया वह, यहूदा के राजाओं के इतिहास नामक पुस्तक में लिखा है। यहोशापात ने उन स्त्री पुरुषों को, जो शारीरिक सम्बन्ध के लिये अपने शरीर को बेचते थे, पूजास्थानों को छोड़ने के लिये विवश किया। उन व्यक्तियों ने उन पूजास्थानों पर तब सेवा की थी जब उसका पिता आसा राजा था। इस समय के बीच एदोम देश का कोई राजा न था। वह देश एक प्रशासक द्वारा शासित होता था। प्रशासक यहूदा के राजा द्वारा चुना जाता था। राजा यहोशापात ने ऐसे जहाज बनाए जो महासागर में चल सकते थे। यहोशापात ने ओपीर प्रदेश में जहाजों को भेजा। वह चाहता था कि जहाज सोना लाएँ। किन्तु जहाज एश्योनगेबेर में नष्ट हो गए। जहाज कभी सोना प्राप्त करने में सफल न हो सके। इस्राएल का राजा अहज्याह यहोशापात को सहायता देने गया। अहज्याह ने यहोशापात से कहा था कि वह कुछ ऐसे व्यक्तियों को उनके लिये प्राप्त करेगा जो जहाजी काम में कुशल हों। किन्तु यहोशापात ने अहज्याह के व्यक्तियों को स्वीकार करने से इन्कार कर दिया। यहोशापात मरा और अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। वह दाऊद नगर में अपने पूर्वजों के साथ दफनाया गया। तब उसका पुत्र यहोराम राजा बना। अहज्याह अहाब का पुत्र था। वह राजा योहशापात के यहूदा पर राज्यकाल के सत्रहवें वर्ष में राजा बना। अहज्याह ने शोमरोन में दो वर्ष तक राज किया। अहज्याह ने यहोवा के विरुद्ध पाप किये। उसने वे ही पाप किये जो उसके पिता अहाब उसकी माँ ईजेबेल और नबात के पुत्र यारोबाम ने किये थे। ये सभी शासक इस्राएल के लोगों को और अधिक पाप की ओर ले गए। अहज्याह ने अपने से पूर्व अपने पिता के समान असत्य देवता बाल की पूजा और सेवा की। अत: अहज्याह ने यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर को बहुत अधिक क्रोधित किया। यहोवा अहज्याह पर वैसा ही क्रोधित हुआ जैसा उसके पहले वह उसके पिता पर क्रोधित हुआ था।

1 राजा 22:28-53 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मीकायाह ने कहा, ‘यदि आप युद्ध से सकुशल लौट आएंगे तो आप समझना, मेरे मुंह से प्रभु ने अपना वचन नहीं कहा था।’ मीकायाह ने उपस्‍थित लोगों से कहा, ‘आप सब लोग भी सुन लीजिए।’ किन्‍तु इस्राएल के राजा अहाब और यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट ने रामोत-गिलआद नगर पर चढ़ाई कर दी। अहाब ने यहोशाफट से कहा, ‘मैं भेष बदल कर युद्ध-भूमि में जाऊंगा। पर आप राजसी पोशाक पहिने रहिए।’ अत: इस्राएल प्रदेश के राजा अहाब ने भेष बदला और वह युद्ध-भूमि में गया। सीरिया के राजा ने अपनी रथ-सेना के बत्तीस सेना-नायकों को यह आदेश दिया था, ‘तुम इस्राएली सेना के छोटे-बड़े सैन्‍य-अधिकारियों से युद्ध मत करना, केवल इस्राएल प्रदेश के राजा से करना!’ अत: जब रथों के सेना-नायकों ने यहोशाफट को देखा, तब उन्‍होंने कहा, ‘यह निश्‍चय ही इस्राएल प्रदेश का राजा है।’ वे उससे युद्ध करने के लिए उसकी ओर मुड़े। यहोशाफट ने युद्ध का आह्‍वान किया। सेना-नायकों ने पहचाना कि वह इस्राएल प्रदेश का राजा नहीं है। अत: उन्‍होंने उसका पीछा करना छोड़ दिया, और वे लौट गए। किन्‍तु एक सैनिक ने अपना धनुष खींचा और एक तीर चलाया। वह नहीं जानता था कि उसने किसकी ओर तीर चलाया है। यह तीर इस्राएल प्रदेश के राजा के कवच और कमरबन्‍द के मध्‍य में धंस गया। राजा ने अपने सारथी से कहा, ‘रथ को मोड़ो। मुझे युद्ध-भूमि से बाहर ले चलो। मैं घायल हो गया।’ उस दिन घमासान युद्ध हुआ। सैनिकों ने राजा को सीरियाई सेना की ओर मुख किए हुए रथ पर खड़ा रखा। सन्‍ध्‍या समय उसकी मृत्‍यु हो गई। रक्‍त घाव से निकल कर रथ के पैंदे में बहता रहा। सूर्यास्‍त के समय पड़ाव में यह आवाज सुनाई दी, ‘प्रत्‍येक सैनिक अपने नगर को, अपने देश को लौट जाए।’ इस प्रकार राजा अहाब की मृत्‍यु हो गई। सैनिक उसे सामरी नगर में लाए। उन्‍होंने उसे सामरी नगर में गाड़ा। तत्‍पश्‍चात् उन्‍होंने सामरी नगर के जल-कुण्‍ड में राजा के रथ को धोया। तब कुत्तों ने राजा के रक्‍त को चाटा। उसी कुण्‍ड में वेश्‍याओं ने स्‍नान किया था। इस प्रकार प्रभु का वचन पूरा हुआ। अहाब के शेष कार्यों का विवरण, उसके सब कार्यों का, उसके द्वारा निर्मित हाथीदांत के महल और उसके द्वारा बसाए गए नगरों का विवरण, ‘इस्राएल प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्‍थ’ में लिखा हुआ है। अहाब अपने मृत पूर्वजों के साथ सो गया। उसके स्‍थान पर उसका पुत्र अहज्‍याह राज्‍य करने लगा। इस्राएल के राजा अहाब के राज्‍य-काल के चौथे वर्ष में आसा का पुत्र यहोशाफट यहूदा प्रदेश पर राज्‍य करने लगा। जब उसने राज्‍य करना आरम्‍भ किया तब वह पैंतीस वर्ष का था। वह राजधानी यरूशलेम में पच्‍चीस वर्ष तक राज्‍य करता रहा। उसकी माता का नाम अजूबाह बत-शिलही था। यहोशाफट ने अपने पिता आसा के मार्ग का अनुसरण किया। उसने अपने पिता का मार्ग नहीं छोड़ा। उसने वही कार्य किया, जो प्रभु की दृष्‍टि में उचित था। फिर भी पहाड़ी शिखर की वेदियां नहीं तोड़ी गईं। लोग इन वेदियों पर बलि चढ़ाते और सुगन्‍धित धूप-द्रव्‍य जलाते रहे। यहोशाफट ने इस्राएल प्रदेश के राजा से सन्‍धि स्‍थापित की थी। यहोशाफट के शेष कार्यों का विवरण, उसके वीरतापूर्ण कार्यों और युद्धों का विवरण, :यहूदा प्रदेश के राजाओं का इतिहास-ग्रन्‍थ’ में लिखा हुआ है। जो पूजागृहों से सम्‍बद्ध पुरुष-गमन करवाने वाले सेवक उसके पिता आसा के राज्‍य-काल में बच गए थे, उसने उनको अपने प्रदेश से निकाल दिया। एदोम देश में कोई राजा नहीं था। यहोशाफट का एक प्रतिनिधि ही वहां राज्‍य करता था। यहोशाफट ने ओपीर देश से सोना लाने के लिए तर्शीश का एक जहाजी बेड़ा बनाया था। परन्‍तु उसके नाविक ओपीर देश नहीं जा सके; क्‍योंकि जलयान एस्‍योन-गेबेर बन्‍दरगाह में डूब गए। तब अहज्‍याह बेन-अहाब ने यहोशाफट के सम्‍मुख यह प्रस्‍ताव रखा, ‘मेरे नाविक आपके नाविकों के साथ जहाजी बेड़े में जाएं।’ परन्‍तु यहोशाफट सहमत नहीं हुआ। यहोशाफट अपने, मृत पूर्वजों के साथ सो गया। उसे उसके पूर्वजों के साथ, उसके पूर्वज दाऊद के नगर में गाड़ा गया। उसके स्‍थान पर उसका पुत्र योराम राज्‍य करने लगा। यहूदा प्रदेश के राजा यहोशाफट के राज्‍य-काल के सत्रहवें वर्ष अहज्‍याह बेन-अहाब ने सामरी नगर में इस्राएल प्रदेश पर राज्‍य करना आरम्‍भ किया। उसने इस्राएल प्रदेश पर दो वर्ष तक राज्‍य किया। जो कार्य प्रभु की दृष्‍टि में बुरा था, उसने वही किया। उसने अपने पिता और माता का अनुसरण किया। वह यारोबआम बेन-नबाट के मार्ग पर चला, जिसने इस्राएल प्रदेश की जनता से पाप कराया था। उसने बअल देवता की आराधना की, उसकी पूजा की, और यों इस्राएली राष्‍ट्र के प्रभु परमेश्‍वर को चिढ़ाया, जैसा उसके पिता ने किया था।

1 राजा 22:28-53 Hindi Holy Bible (HHBD)

और मीकायाह ने कहा, यदि तू कभी कुशल से लौटे, तो जान कि यहोवा ने मेरे द्वारा नहीं कहा। फिर उसने कहा, हे लोगो तुम सब के सब सुन लो। तब इस्राएल के राजा और यहूदा के राजा यहोशापात दोनों ने गिलाद के रामोत पर चढ़ाई की। और इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, मैं तो भेष बदल कर युद्ध क्षेत्र में जाऊंगा, परन्तु तू अपने ही वस्त्र पहिने रहना। तब इस्राएल का राजा भेष बदल कर युद्ध क्षेत्र में गया। और अराम के राजा ने तो अपने रथों के बत्तीसों प्रधानों को आज्ञा दी थी, कि न तो छोटे से लड़ो और न बड़े से, केवल इस्राएल के राजा से युद्ध करो। तो जब रथों के प्रधानों ने यहोशापात को देखा, तब कहा, निश्चय इस्राएल का राजा वही है। और वे उसी से युद्ध करने को मुड़े; तब यहोशपात चिल्ला उठा। यह देख कर कि वह इस्राएल का राजा नहीं है, रथों के प्रधान उसका पीछा छोड़ कर लौट गए। तब किसी ने अटकल से एक तीर चलाया और वह इस्राएल के राजा के झिलम और निचले वस्त्र के बीच छेदकर लगा; तब उसने अपने सारथी से कहा, मैं घायल हो गया हूँ इसलिये बागडोर फेर कर मुझे सेना में से बाहर निकाल ले चल। और उस दिन युद्ध बढ़ता गया और राजा अपने रथ में औरों के सहारे अरामियों के सम्मुख खड़ा रहा, और सांझ को मर गया; और उसके घाव का लोहू बह कर रथ के पौदान में भर गया। सूर्य डूबते हुए सेना में यह पुकार हुई, कि हर एक अपने नगर और अपने देश को लौट जाए। जब राजा मर गया, तब शोमरोन को पहुंचाया गया और शोमरोन में उसे मिट्टी दी गई। और यहोवा के वचन के अनुसार जब उसका रथ शोमरोन के पोखरे में धोया गया, तब कुत्तों ने उसका लोहू चाट लिया, और वेश्याएं यहीं स्नान करती थीं। अहाब के और सब काम जो उसने किए, और हाथी दांत का जो भवन उसने बनाया, और जो जो नगर उसने बसाए थे, यह सब क्या इस्राएली राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? निदान अहाब अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसका पुत्र अहज्याह उसके स्थान पर राज्य करने लगा। इस्राएल के राजा अहाब के चौथे वर्ष में आसा का पुत्र यहोशापात यहूदा पर राज्य करने लगा। जब यहोशापात राज्य करने लगा, तब वह पैंतीस वर्ष का था। और पचीस पर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम अजूबा था, जो शिल्ही की बेटी थी। और उसकी चाल सब प्रकार से उसके पिता आसा की सी थी, अर्थात जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है वही वह करता रहा, और उस से कुछ न मुड़ा। तौभी ऊंचे स्थान ढाए न गए, प्रजा के लोग ऊंचे स्थानों पर उस समय भी बलि किया करते थे और धूप भी जलाया करते थे। यहोशापात ने इस्राएल के राजा से मेल किया। और यहोशापात के काम और जो वीरता उसने दिखाई, और उसने जो जो लड़ाइयां कीं, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? पुरुषगामियों में से जो उसके पिता आसा के दिनों में रह गए थे, उन को उसने देश में से नाश किया। उस समय एदोम में कोई राजा न था; एक नायब राजकाज का काम करता था। फिर यहोशापात ने तशींश के जहाज सोना लाने के लिये ओपीर जाने को बनवा लिए, परन्तु वे एश्योनगेबेर में टूट गए, इसलिये वहां न जा सके। तब अहाब के पुत्र अहज्याह ने यहोशापात से कहा, मेरे जहाजियों को अपने जहाजियों के संग, जहाजों में जाने दे, परन्तु यहोशापात ने इनकार किया। निदान यहोशापात अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसको उसके पुरखाओं के साथ उसके मूलपुरुष दाऊद के नगर में मिट्टी दी गई। और उसका पुत्र यहोराम उसके स्थान पर राज्य करने लगा। यहूदा के राजा यहोशापत के सत्रहवें वर्ष में अहाब का पुत्र अहज्याह शोमरोन में इस्राएल पर राज्य करने लगा और दो वर्ष तक इस्राएल पर राज्य करता रहा। और उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था। और उसकी चाल उसके माता पिता, और नबात के पुत्र यारोबाम की सी थी जिसने इस्राएल से पाप करवाया था। जैसे उसका पिता बाल की उपासना और उसे दण्डवत करने से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा को क्रोधित करता रहा वैसे ही अहज्याह भी करता रहा।

1 राजा 22:28-53 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

और मीकायाह ने कहा, “यदि तू कभी कुशल से लौटे, तो जान कि यहोवा ने मेरे द्वारा नहीं कहा।” फिर उसने कहा, “हे लोगो, तुम सब के सब सुन लो।” तब इस्राएल के राजा और यहूदा के राजा यहोशापात दोनों ने गिलाद के रामोत पर चढ़ाई की। और इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, “मैं तो भेष बदलकर युद्ध क्षेत्र में जाऊँगा, परन्तु तू अपने ही वस्त्र पहिने रहना।” तब इस्राएल का राजा भेष बदलकर युद्ध क्षेत्र में गया। अराम के राजा ने तो अपने रथों के बत्तीसों प्रधानों को आज्ञा दी थी, “न तो छोटे से लड़ो और न बड़े से, केवल इस्राएल के राजा से युद्ध करो।” अत: जब रथों के प्रधानों ने यहोशापात को देखा, तब कहा, “निश्‍चय इस्राएल का राजा वही है।” और वे उसी से युद्ध करने को मुड़े; तब यहोशापात चिल्‍ला उठा। यह देखकर कि वह इस्राएल का राजा नहीं है, रथों के प्रधान उसका पीछा छोड़कर लौट गए। तब किसी ने अटकल से एक तीर चलाया और वह इस्राएल के राजा के झिलम और निचले वस्त्र के बीच छेदकर लगा; तब उसने अपने सारथी से कहा, “मैं घायल हो गया हूँ इसलिये बागडोर फेर कर मुझे सेना में से बाहर निकाल ले चल।” और उस दिन युद्ध बढ़ता गया और राजा अपने रथ में औरों के सहारे अरामियों के सम्मुख खड़ा रहा, और साँझ को मर गया; और उसके घाव का लहू बहकर रथ के पायदान में भर गया। सूर्य डूबते हुए सेना में यह पुकार हुई, “हर एक अपने नगर और अपने देश को लौट जाए।” जब राजा मर गया, तब शोमरोन को पहुँचाया गया और शोमरोन में उसे मिट्टी दी गई। और यहोवा के वचन के अनुसार जब उसका रथ शोमरोन के पोखरे में धोया गया, तब कुत्तों ने उसका लहू चाट लिया; और वेश्याएँ यहीं स्‍नान करती थीं। अहाब के और सब काम जो उसने किए, और हाथीदाँत का जो भवन उसने बनाया, और जो जो नगर उसने बसाए थे, यह सब क्या इस्राएली राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? अत: अहाब अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसका पुत्र अहज्याह उसके स्थान पर राज्य करने लगा। इस्राएल के राजा अहाब के चौथे वर्ष में आसा का पुत्र यहोशापात यहूदा पर राज्य करने लगा। जब यहोशापात राज्य करने लगा, तब वह पैंतीस वर्ष का था, और पच्‍चीस वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। उसकी माता का नाम अजूबा था, जो शिल्ही की बेटी थी। और उसकी चाल सब प्रकार से उसके पिता आसा की सी थी, अर्थात् जो यहोवा की दृष्‍टि में ठीक है वही वह करता रहा, और उससे कुछ न मुड़ा। तौभी ऊँचे स्थान ढाए न गए, प्रजा के लोग ऊँचे स्थानों पर उस समय भी बलि किया करते थे और धूप भी जलाया करते थे। यहोशापात ने इस्राएल के राजा से मेल किया। यहोशापात के काम और जो वीरता उस ने दिखाई, और उसने जो जो लड़ाइयाँ कीं, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? पुरुषगामियों में से जो उसके पिता आसा के दिनों में रह गए थे, उनको उसने देश में से नष्‍ट किया। उस समय एदोम में कोई राजा न था; एक नायब राजकाज का काम करता था। फिर यहोशापात ने तर्शीश के जहाज सोना लाने के लिये ओपीर जाने को बनवा लिए, परन्तु वे एश्योनगेबेर में टूट गए, इसलिये वहाँ न जा सके। तब अहाब के पुत्र अहज्याह ने यहोशापात से कहा, “मेरे जहाजियों को अपने जहाजियों के संग, जहाजों में जाने दे;” परन्तु यहोशापात ने इन्कार किया। और यहोशापात अपने पुरखाओं के संग सो गया और उसको उसके पुरखाओं के साथ उसके मूलपुरुष दाऊद के नगर में मिट्टी दी गई। और उसका पुत्र यहोराम उसके स्थान पर राज्य करने लगा। यहूदा के राजा यहोशापात के सत्रहवें वर्ष में अहाब का पुत्र अहज्याह शोमरोन में इस्राएल पर राज्य करने लगा और दो वर्ष तक इस्राएल पर राज्य करता रहा। उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्‍टि में बुरा था। और उसकी चाल उसके माता पिता, और नबात के पुत्र यारोबाम की सी थी जिसने इस्राएल से पाप करवाया था। जैसे उसका पिता बाल की उपासना और उसे दण्डवत् करने से इस्राएल के परमेश्‍वर यहोवा को क्रोधित करता रहा वैसे ही अहज्याह भी करता रहा।

1 राजा 22:28-53 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

और मीकायाह ने कहा, “यदि तू कभी कुशल से लौटे, तो जान कि यहोवा ने मेरे द्वारा नहीं कहा।” फिर उसने कहा, “हे लोगों तुम सब के सब सुन लो।” तब इस्राएल के राजा और यहूदा के राजा यहोशापात दोनों ने गिलाद के रामोत पर चढ़ाई की। और इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, “मैं तो भेष बदलकर युद्ध क्षेत्र में जाऊँगा, परन्तु तू अपने ही वस्त्र पहने रहना।” तब इस्राएल का राजा भेष बदलकर युद्ध क्षेत्र में गया। अराम के राजा ने तो अपने रथों के बत्तीसों प्रधानों को आज्ञा दी थी, “न तो छोटे से लड़ो और न बड़े से, केवल इस्राएल के राजा से युद्ध करो।” अतः जब रथों के प्रधानों ने यहोशापात को देखा, तब कहा, “निश्चय इस्राएल का राजा वही है।” और वे उसी से युद्ध करने को मुड़ें; तब यहोशापात चिल्ला उठा। यह देखकर कि वह इस्राएल का राजा नहीं है, रथों के प्रधान उसका पीछा छोड़कर लौट गए। तब किसी ने अटकल से एक तीर चलाया और वह इस्राएल के राजा के झिलम और निचले वस्त्र के बीच छेदकर लगा; तब उसने अपने सारथी से कहा, “मैं घायल हो गया हूँ इसलिए बागडोर फेरकर मुझे सेना में से बाहर निकाल ले चल।” और उस दिन युद्ध बढ़ता गया और राजा अपने रथ में औरों के सहारे अरामियों के सम्मुख खड़ा रहा, और साँझ को मर गया; और उसके घाव का लहू बहकर रथ के पायदान में भर गया। सूर्य डूबते हुए सेना में यह पुकार हुई, “हर एक अपने नगर और अपने देश को लौट जाए।” जब राजा मर गया, तब सामरिया को पहुँचाया गया और सामरिया में उसे मिट्टी दी गई। और यहोवा के वचन के अनुसार जब उसका रथ सामरिया के जलकुण्ड में धोया गया, तब कुत्तों ने उसका लहू चाट लिया, और वेश्याएँ यहीं स्नान करती थीं। अहाब के और सब काम जो उसने किए, और हाथी दाँत का जो भवन उसने बनाया, और जो-जो नगर उसने बसाए थे, यह सब क्या इस्राएली राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? अतः अहाब मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और उसका पुत्र अहज्याह उसके स्थान पर राज्य करने लगा। इस्राएल के राजा अहाब के राज्य के चौथे वर्ष में आसा का पुत्र यहोशापात यहूदा पर राज्य करने लगा। जब यहोशापात राज्य करने लगा, तब वह पैंतीस वर्ष का था और पच्चीस वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा। और उसकी माता का नाम अजूबा था, जो शिल्ही की बेटी थी। और उसकी चाल सब प्रकार से उसके पिता आसा की सी थी, अर्थात् जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है वही वह करता रहा, और उससे कुछ न मुड़ा। तो भी ऊँचे स्थान ढाए न गए, प्रजा के लोग ऊँचे स्थानों पर उस समय भी बलि किया करते थे और धूप भी जलाया करते थे। यहोशापात ने इस्राएल के राजा से मेल किया। यहोशापात के काम और जो वीरता उसने दिखाई, और उसने जो-जो लड़ाइयाँ की, यह सब क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखा है? पुरुषगामियों में से जो उसके पिता आसा के दिनों में रह गए थे, उनको उसने देश में से नाश किया। उस समय एदोम में कोई राजा न था; एक नायब राजकाज का काम करता था। फिर यहोशापात ने तर्शीश के जहाज सोना लाने के लिये ओपीर जाने को बनवा लिए, परन्तु वे एस्योनगेबेर में टूट गए, इसलिए वहाँ न जा सके। तब अहाब के पुत्र अहज्याह ने यहोशापात से कहा, “मेरे जहाजियों को अपने जहाजियों के संग, जहाजों में जाने दे;” परन्तु यहोशापात ने इन्कार किया। यहोशापात मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और उसको उसके पुरखाओं के साथ उसके मूलपुरुष दाऊद के नगर में मिट्टी दी गई। और उसका पुत्र यहोराम उसके स्थान पर राज्य करने लगा। यहूदा के राजा यहोशापात के राज्य के सत्रहवें वर्ष में अहाब का पुत्र अहज्याह सामरिया में इस्राएल पर राज्य करने लगा और दो वर्ष तक इस्राएल पर राज्य करता रहा। और उसने वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा था। और उसकी चाल उसके माता पिता, और नबात के पुत्र यारोबाम की सी थी जिसने इस्राएल से पाप करवाया था। जैसे उसका पिता बाल की उपासना और उसे दण्डवत् करने से इस्राएल के परमेश्वर यहोवा को क्रोधित करता रहा वैसे ही अहज्याह भी करता रहा।

1 राजा 22:28-53 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

इस पर मीकायाह ने कहा, “यदि आप सच में सकुशल लौट आएं, तो यह समझ लीजिए कि याहवेह ने मेरे द्वारा यह सब प्रकट किया ही नहीं है.” और फिर भीड़ से उसने कहा, “आप सब भी यह सुन लीजिए.” फिर भी इस्राएल के राजा और यहूदिया के राजा यहोशाफ़ात ने रामोथ-गिलआद पर हमला कर दिया. इस्राएल के राजा ने यहोशाफ़ात से कहा, “मैं भेष बदलकर युद्ध-भूमि में जाऊंगा, मगर आप अपनी राजसी वेशभूषा ही पहने रहिए.” इस्राएल का राजा भेष बदलकर युद्ध-भूमि में गया. अराम के राजा ने अपनी रथ सेना के बत्तीस प्रधानों को आदेश दे रखा था, “युद्ध न तो साधारण सैनिकों से करना और न मुख्य अधिकारियों से, सिर्फ इस्राएल के राजा को निशाना बनाना.” जैसे ही इन अधिकारियों ने यहोशाफ़ात को देखा, उन्होंने समझा, “ज़रूर यही इस्राएल का राजा है.” तब वे यहोशाफ़ात की ओर लपके. इस पर यहोशाफ़ात चिल्ला उठा. जब प्रधानों ने देखा कि वह इस्राएल का राजा नहीं था, उन्होंने उसका पीछा करना छोड़ दिया. इसी समय किसी एक सैनिक ने बिना कोई निशाना साधे ही अपना बाण छोड़ दिया. वह बाण जाकर इस्राएल के राजा के कवच के जोड़ पर जा लगा. तब राजा ने सारथी को आदेश दिया, “रथ मोड़ो और मुझे युद्ध-भूमि से बाहर ले चलो, मैं बुरी तरह से ज़ख्मी हो गया हूं.” युद्ध तेज होता चला गया. अरामियों के सामने राजा को रथ में खड़ा हुआ पेश किया गया. शाम को राजा के प्राणपखेरु उड़ गए. उसका खून बहता हुआ रथ के पेंदे में जमा होता रहा. शाम को सारी सेना में यह घोषणा की गई: “हर एक व्यक्ति अपने-अपने नगर को और हर एक सैनिक अपने-अपने देश को लौट जाए.” राजा के शव को शमरिया लाया गया और उसे शमरिया में गाड़ दिया गया. रथ को शमरिया के तालाब के तट पर धोया गया, और उस खून को कुत्ते चाटते रहे. इस समय वह जगह वेश्याओं के नहाने के लिए ठहराया हुआ घाट था. यह ठीक वैसा ही हुआ जैसी याहवेह की भविष्यवाणी थी. अहाब द्वारा किए गए बाकी काम और वह सब, जो उसके द्वारा किया गया, उसके द्वारा बनाया गया हाथी-दांत का भवन और उसके द्वारा बनाए नगरों का ब्यौरा इस्राएल के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है. अहाब अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए जा मिला, और उसकी जगह पर उसका पुत्र अहज़्याह राजा बना. इस्राएल के राजा अहाब के शासनकाल के चौथे साल में आसा के पुत्र यहोशाफ़ात ने यहूदिया पर शासन करना शुरू किया. जब उसने शासन की बागडोर संभाली, उसकी उम्र पैंतीस साल की थी. उन्होंने येरूशलेम में पच्चीस साल शासन किया. उसकी माता का नाम अत्सूबा था, वह शिल्ही की पुत्री थी. यहोशाफ़ात का व्यवहार सभी बातों में उनके पिता आसा के समान था. वह कभी उस तरह के जीवन से अलग न हुआ. उसके काम वे ही थे, जो याहवेह की दृष्टि में सही थे. फिर भी, पूजा स्थलों की वेदियां तोड़ी नहीं गई थी. लोग पूजा स्थलों की वेदियों पर धूप जलाते और बलि चढ़ाते रहे. इनके अलावा यहोशाफ़ात ने इस्राएल के राजा के साथ शांति की वाचा बांधी. यहोशाफ़ात की बाकी उपलब्धियां, उसके द्वारा किए गए वीरता के काम, और उसके युद्ध कौशल का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में किया गया है. उसने अपने पिता आसा के शासनकाल से बाकी रह गए अन्य देवताओं के मंदिर में काम कर रहे पुरुष वेश्याओं को निकाल दिया. एदोम देश में कोई राजा न था; वहां सिर्फ राजा द्वारा एक दूत चुना गया था. यहोशाफ़ात ने दोबारा ओफीर से सोना आयात करने के लिए तरशीश के समान जहाज़ बनाए; मगर वे यात्रा पर जा ही न सके, क्योंकि वे एज़िओन-गेबेर नामक स्थान पर ही टूट गए. अहाब के पुत्र अहज़्याह ने यहोशाफ़ात के सामने प्रस्ताव रखा, “जहाजों में अपने सेवकों के साथ मेरे सेवकों को भी ले लीजिए,” मगर यहोशाफ़ात इसके लिए राज़ी न हुआ. यहोशाफ़ात हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में मिल गया. उसे उसके पूर्वज दावीद के नगर में उसके पूर्वजों के साथ गाड़ा दिया. उसके स्थान पर उसका पुत्र यहोराम राजा हुआ. यहूदिया के राजा यहोशाफ़ात के शासनकाल के सत्रहवें साल में अहाब के पुत्र अहज़्याह ने शासन करना शुरू किया. उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है. उसका स्वभाव अपने पिता और माता और नेबाथ के पुत्र यरोबोअम के समान था, जिन्होंने इस्राएल को पाप के लिए उकसाया था. वह बाल की सेवा-उपासना करता था, जिसके द्वारा उसने याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के क्रोध को भड़काया, ठीक वही सब, जैसा उसके पिता ने किया था.