1 योहन 4:13-19

1 योहन 4:13-19 पवित्र बाइबल (HERV)

इस प्रकार हम जान सकते है कि हम परमेश्वर में ही निवास करते हैं और वह हमारे भीतर रहता है। क्योंकि उसने अपनी आत्मा का कुछ अंश हमें दिया है। इसे हमने देखा है और हम इसके साक्षी हैं कि परम पिता ने जगत के उद्धारकर्त्ता के रूप में अपने पुत्र को भेजा है। यदि कोई यह मानता है कि, “यीशु परमेश्वर का पुत्र है,” तो परमेश्वर उसमें निवास करता है और वह परमेश्वर में रहने लगता है। इसलिए हम जानते हैं कि हमने अपना विश्वास उस प्रेम पर टिकाया है जो परमेश्वर में हमारे लिए है। परमेश्वर प्रेम है और जो प्रेम में स्थित रहता है, वह परमेश्वर में स्थित रहता है और परमेश्वर उसमें स्थित रहता है। हमारे विषय में इसी रूप में प्रेम सिद्ध हुआ है ताकि न्याय के दिन हमें विश्वास बना रहे। हमारा यह विश्वास इसलिए बना हुआ है कि हम इस जगत में जो जीवन जी रहे है, वह मसीह के जीवन जैसा है। प्रेम में कोई भय नहीं होता बल्कि सम्पूर्ण प्रेम तो भय को भगा देता है। भय का संबन्ध तो दण्ड से है। सो जिसमें भय है, उसके प्रेम को अभी पूर्णता नहीं मिली है। हम प्रेम करते हैं क्योंकि पहले परमेश्वर ने हमें प्रेम किया है।

1 योहन 4:13-19 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

परमेश्‍वर ने हमें अपना आत्‍मा प्रदान किया है, इसलिए हम जान जाते हैं कि हम उस में और वह हम में निवास करता है। पिता ने अपने पुत्र को संसार के उद्धारकर्ता के रूप में भेजा। हमने यह देखा है और हम इसकी साक्षी देते हैं। जो यह स्‍वीकार करता है कि येशु परमेश्‍वर के पुत्र हैं, परमेश्‍वर उस में निवास करता है और वह परमेश्‍वर में। इस प्रकार हम अपने प्रति परमेश्‍वर का प्रेम जान गये और इस में विश्‍वास करते हैं। परमेश्‍वर प्रेम है और जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्‍वर में और परमेश्‍वर उस में निवास करता है। इस प्रकार प्रेम हम में अपनी परिपूर्णता तक पहुँच जाता है, जिससे हम न्‍याय के दिन पूरा भरोसा रख सकें; क्‍योंकि जैसे मसीह हैं वैसे हम भी इस संसार में हैं। प्रेम में भय नहीं होता। पूर्ण प्रेम भय को दूर कर देता है, क्‍योंकि भय में दण्‍ड की आशंका रहती है और जो डरता है, उसका प्रेम पूर्णता तक नहीं पहुँचा है। हम प्रेम करते हैं, क्‍योंकि परमेश्‍वर ने पहले हमसे प्रेम किया।

1 योहन 4:13-19 Hindi Holy Bible (HHBD)

इसी से हम जानते हैं, कि हम उस में बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उस ने अपने आत्मा में से हमें दिया है। और हम ने देख भी लिया और गवाही देते हैं, कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता करके भेजा है। जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है: परमेश्वर उस में बना रहता है, और वह परमेश्वर में। और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उस को हम जान गए, और हमें उस की प्रतीति है; परमेश्वर प्रेम है: जो प्रेम में बना रहता है, वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उस में बना रहता है। इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं। प्रेम में भय नहीं होता, वरन सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय से कष्ट होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ। हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहिले उस ने हम से प्रेम किया।

1 योहन 4:13-19 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

इसी से हम जानते हैं कि हम उसमें बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उसने अपने आत्मा में से हमें दिया है। हम ने देख भी लिया और गवाही देते हैं कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता करके भेजा है। जो कोई यह मान लेता है कि यीशु परमेश्‍वर का पुत्र है, परमेश्‍वर उसमें बना रहता है, और वह परमेश्‍वर में। जो प्रेम परमेश्‍वर हम से रखता है, उसको हम जान गए और हमें उसका विश्‍वास है। परमेश्‍वर प्रेम है, और जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्‍वर में बना रहता है, और परमेश्‍वर उसमें बना रहता है। इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ कि हमें न्याय के दिन हियाव हो; क्योंकि जैसा वह है वैसे ही संसार में हम भी हैं। प्रेम में भय नहीं होता, वरन् सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है; क्योंकि भय का सम्बन्ध दण्ड से होता है, और जो भय करता है वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ। हम इसलिये प्रेम करते हैं, कि पहले उसने हम से प्रेम किया।

1 योहन 4:13-19 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

इसी से हम जानते हैं, कि हम उसमें बने रहते हैं, और वह हम में; क्योंकि उसने अपनी आत्मा में से हमें दिया है। और हमने देख भी लिया और गवाही देते हैं कि पिता ने पुत्र को जगत का उद्धारकर्ता होने के लिए भेजा है। जो कोई यह मान लेता है, कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है परमेश्वर उसमें बना रहता है, और वह परमेश्वर में। और जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, उसको हम जान गए, और हमें उस पर विश्वास है। परमेश्वर प्रेम है; जो प्रेम में बना रहता है वह परमेश्वर में बना रहता है; और परमेश्वर उसमें बना रहता है। इसी से प्रेम हम में सिद्ध हुआ, कि हमें न्याय के दिन साहस हो; क्योंकि जैसा वह है, वैसे ही संसार में हम भी हैं। प्रेम में भय नहीं होता, वरन् सिद्ध प्रेम भय को दूर कर देता है, क्योंकि भय का सम्बंध दण्ड से होता है, और जो भय करता है, वह प्रेम में सिद्ध नहीं हुआ। हम इसलिए प्रेम करते हैं, क्योंकि पहले उसने हम से प्रेम किया।

1 योहन 4:13-19 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

हमें यह अहसास होता है कि हमारा उनमें और उनका हममें वास है क्योंकि उन्होंने हमें अपना आत्मा दिया है. हमने यह देखा है और हम इसके गवाह हैं कि पिता ने पुत्र को संसार का उद्धारकर्ता होने के लिए भेज दिया. जो कोई यह स्वीकार करता है कि मसीह येशु परमेश्वर-पुत्र हैं, परमेश्वर का उसमें और उसका परमेश्वर में वास है. हमने अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम को जान लिया और उसमें विश्वास किया है. परमेश्वर प्रेम हैं. वह, जो प्रेम में स्थिर है, परमेश्वर में बना रहता है तथा स्वयं परमेश्वर उसमें बना रहता हैं. तब हमें न्याय के दिन के संदर्भ में निर्भयता प्राप्‍त हो जाती है क्योंकि संसार में हमारा स्वभाव मसीह के स्वभाव के समान हो गया है, परिणामस्वरूप हमारा आपसी प्रेम सिद्धता की स्थिति में पहुंच जाता है. इस प्रेम में भय का कोई भाग नहीं होता क्योंकि सिद्ध प्रेम भय को निकाल फेंकता है. भय का संबंध दंड से है और उसने, जो भयभीत है प्रेम में यथार्थ सम्पन्‍नता प्राप्‍त नहीं की. हम प्रेम इसलिये करते हैं कि पहले उन्होंने हमसे प्रेम किया है.