1 योहन 2:9-11
1 योहन 2:9-11 पवित्र बाइबल (HERV)
जो कहता है, वह प्रकाश में स्थित है और फिर भी अपने भाई से घृणा करता है, तो वह अब तक अंधकार में बना हुआ है। जो अपने भाई को प्रेम करता है, प्रकाश में स्थित रहता है। उसके जीवन में ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे कोई पाप में न पड़े। किन्तु जो अपने भाई से घृणा करता है, अँधेरे में है। वह अन्धकारपूर्ण जीवन जी रहा है। वह नहीं जानता, वह कहाँ जा रहा है। क्योंकि अँधेरे ने उसे अंधा बना दिया है।
1 योहन 2:9-11 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
जो कहता है कि मैं ज्योति में हूँ और अपने भाई अथवा बहिन से बैर करता है, वह अब तक अन्धकार में है। जो अपने भाई अथवा बहिन से प्रेम करता है, वही ज्योति में निवास करता है और कोई कारण नहीं कि उसे ठोकर लगे। परन्तु जो अपने भाई अथवा बहिन से बैर करता है, वह अन्धकार में है और अन्धकार में चलता है। वह यह नहीं जानता कि वह कहाँ जा रहा है; क्योंकि अन्धकार ने उसे अन्धा बना दिया है।
1 योहन 2:9-11 Hindi Holy Bible (HHBD)
जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूं; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है। जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता। पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अन्धकार में है, और अन्धकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहां जाता है, क्योंकि अन्धकार ने उस की आंखे अन्धी कर दी हैं॥
1 योहन 2:9-11 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
जो कोई यह कहता है कि मैं ज्योति में हूँ और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अन्धकार ही में है। जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता। पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है वह अन्धकार में है और अन्धकार में चलता है, और नहीं जानता कि कहाँ जाता है, क्योंकि अन्धकार ने उसकी आँखें अंधी कर दी हैं।
1 योहन 2:9-11 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
जो कोई यह कहता है, कि मैं ज्योति में हूँ; और अपने भाई से बैर रखता है, वह अब तक अंधकार ही में है। जो कोई अपने भाई से प्रेम रखता है, वह ज्योति में रहता है, और ठोकर नहीं खा सकता। पर जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह अंधकार में है, और अंधकार में चलता है; और नहीं जानता, कि कहाँ जाता है, क्योंकि अंधकार ने उसकी आँखें अंधी कर दी हैं।
1 योहन 2:9-11 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
वह, जो यह दावा करता है कि वह ज्योति में है, फिर भी अपने भाई से घृणा करता है, अब तक अंधकार में ही है. जो साथी विश्वासी से प्रेम करता है, उसका वास ज्योति में है, तथा उसमें ऐसा कुछ भी नहीं जिससे वह ठोकर खाए. परंतु वह, जो साथी विश्वासी से घृणा करता है, अंधकार में है, अंधकार में ही चलता है तथा नहीं जानता कि वह किस दिशा में बढ़ रहा है क्योंकि अंधकार ने उसे अंधा बना दिया है.