1 योहन 2:21-26

1 योहन 2:21-26 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)

मैं ने तुम्हें इसलिये नहीं लिखा कि तुम सत्य को नहीं जानते, पर इसलिये कि उसे जानते हो, और इसलिये कि कोई झूठ, सत्य की ओर से नहीं। झूठा कौन है? केवल वह जो यीशु के मसीह होने से इन्कार करता है; और मसीह का विरोधी वही है, जो पिता का और पुत्र का इन्कार करता है। जो कोई पुत्र का इन्कार करता है उसके पास पिता भी नहीं : जो पुत्र को मान लेता है, उसके पास पिता भी है। जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है, वही तुम में बना रहे; जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे तो तुम भी पुत्र में और पिता में बने रहोगे। और जिसकी उसने हमसे प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। मैं ने ये बातें तुम्हें उन के विषय में लिखी हैं, जो तुम्हें भरमाते हैं

1 योहन 2:21-26 पवित्र बाइबल (HERV)

मैंने तुम्हें इसलिए नहीं लिखा है कि तुम सत्य को नहीं जानते हो? बल्कि तुम तो उसे जानते हो और इसलिए भी कि सत्य से कोई झूठ नहीं निकलता। किन्तु जो यह कहता है कि यीशु मसीह नहीं है, वह झूठा है। ऐसा व्यक्ति मसीह का शत्रु है। वह तो पिता और पुत्र दोनों को नकारता है। वह जो पुत्र को नकारता है, उसके पास पिता भी नहीं है किन्तु जो पुत्र को मानता है, वह पिता को भी मानता है। जहाँ तक तुम्हारी बात है, तुमने अनादि काल से जो सुना है, उसे अपने भीतर बनाए रखो। जो तुमने अनादि काल से सुना है, यदि तुममें बना रहता है तो तुम पुत्र और पिता दोनों में स्थित रहोगे। उसने हमें अनन्त जीवन प्रदान करने का वचन दिया है। मैं ये बातें तुम्हॆं उन लोगों के सम्बन्ध में लिख रहा हूँ, जो तुम्हें छलने का जतन कर रहे हैं।

1 योहन 2:21-26 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

मैं तुम लोगों को इसलिए नहीं लिख रहा हूँ कि तुम सत्‍य को नहीं जानते, बल्‍कि इसलिए कि तुम सत्‍य को जानते हो और यह भी जानते हो कि जो कुछ झूठ है, वह सत्‍य से नहीं। झूठा व्यक्‍ति कौन है? वह, जो येशु को मसीह नहीं मानता। यही मसीह-विरोधी है। वह पिता और पुत्र, दोनों को अस्‍वीकार करता है। जो पुत्र को अस्‍वीकार करता है, उस में पिता का निवास नहीं। जो पुत्र को स्‍वीकार करता है, उस में पिता का निवास है। जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्‍भ से सुना, वह तुम में बना रहे। जो वचन तुम लोगों ने प्रारम्‍भ से सुना, यदि वह तुम में बना रहेगा, तो तुम भी पुत्र तथा पिता में बने रहोगे। मसीह ने हम से जो प्रतिज्ञा की, वह है-शाश्‍वत जीवन। ये बातें मैंने तुम को उन लोगों के विषय में लिखी हैं, जो तुम्‍हें भटकाना चाहते हैं।

1 योहन 2:21-26 Hindi Holy Bible (HHBD)

मैं ने तुम्हें इसलिये नहीं लिखा, कि तुम सत्य को नहीं जानते, पर इसलिये, कि उसे जानते हो, और इसलिये कि कोई झूठ, सत्य की ओर से नहीं। झूठा कौन है? केवल वह, जो यीशु के मसीह होने का इन्कार करता है; और मसीह का विरोधी वही है, जो पिता का और पुत्र का इन्कार करता है। जो कोई पुत्र का इन्कार करता है उसके पास पिता भी नहीं: जो पुत्र को मान लेता है, उसके पास पिता भी है। जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है वही तुम में बना रहे: जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी पुत्र में, और पिता में बने रहोगे। और जिस की उस ने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। मैं ने ये बातें तुम्हें उन के विषय में लिखी हैं, जो तुम्हें भरमाते हैं।

1 योहन 2:21-26 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

मैंने तुम्हें इसलिए नहीं लिखा, कि तुम सत्य को नहीं जानते, पर इसलिए, कि तुम उसे जानते हो, और इसलिए कि कोई झूठ, सत्य की ओर से नहीं। झूठा कौन है? वह, जो यीशु के मसीह होने का इन्कार करता है; और मसीह का विरोधी वही है, जो पिता का और पुत्र का इन्कार करता है। जो कोई पुत्र का इन्कार करता है उसके पास पिता भी नहीं: जो पुत्र को मान लेता है, उसके पास पिता भी है। जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है वही तुम में बना रहे; जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी पुत्र में, और पिता में बने रहोगे। और जिसकी उसने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। मैंने ये बातें तुम्हें उनके विषय में लिखी हैं, जो तुम्हें भरमाते हैं।

1 योहन 2:21-26 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

मेरा यह सब लिखने का उद्देश्य यह नहीं कि तुम सच्चाई से अनजान हो परंतु यह कि तुम इससे परिचित हो. किसी भी झूठ का जन्म सच से नहीं होता. झूठा कौन है? सिवाय उसके, जो येशु के मसीह होने की बात को अस्वीकार करता है? यही मसीह विरोधी है, जो पिता और पुत्र को अस्वीकार करता है. हर एक, जो पुत्र को अस्वीकार करता है, पिता भी उसके नहीं हो सकते. जो पुत्र का अंगीकार करता है, पिता परमेश्वर भी उसके हैं. इसका ध्यान रखो कि तुममें वही शिक्षा स्थिर रहे, जो तुमने प्रारंभ से सुनी है. यदि वह शिक्षा, जो तुमने प्रारंभ से सुनी है, तुममें स्थिर है तो तुम भी पुत्र और पिता में बने रहोगे. अनंत जीवन ही उनके द्वारा हमसे की गई प्रतिज्ञा है. यह सब मैंने तुम्हें उनके विषय में लिखा है, जो तुम्हें मार्ग से भटकाने का प्रयास कर रहे हैं.