1 योहन 2:2-6

1 योहन 2:2-6 पवित्र बाइबल (HERV)

वह एक बलिदान है जो हमारे पापों का हरण करता है न केवल हमारे पापों का बल्कि समूचे संसार के पापों का। यदि हम परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हैं तो यही वह मार्ग है जिससे हम निश्चय करते हैं कि हमने सचमुच उसे जान लिया है। यदि कोई कहता है कि, “मैं परमेश्वर को जानता हूँ!” और उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता तो वह झूठा है। उसके मन में सत्य नहीं है। किन्तु यदि कोई परमेश्वर के उपदेश का पालन करता है तो उसमें परमेश्वर के प्रेम ने परिपूर्णता पा ली है। यही वह मार्ग है जिससे हमें निश्चय होता है कि हम परमेश्वर में स्थित हैं: जो यह कहता है कि वह परमेश्वर में स्थित है, उसे यीशु के जैसा जीवन जीना चाहिए।

1 योहन 2:2-6 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

उन्‍होंने हमारे पापों के लिए प्रायश्‍चित किया है और न केवल हमारे पापों के लिए, बल्‍कि समस्‍त संसार के पापों के लिए भी। यदि हम परमेश्‍वर की आज्ञाओं का पालन करेंगे, तो उसी से हमें पता चलेगा कि हम उसको जानते हैं। जो कहता है कि मैं उसे जानता हूँ किन्‍तु उसकी आज्ञाओं का पालन नहीं करता, वह झूठा है और उस में सत्‍य नहीं है। परन्‍तु जो उसके वचन का पालन करता है, उस में सचमुच परमेश्‍वर का प्रेम परिपूर्णता तक पहुँचता है। हम परमेश्‍वर में हैं, इसका यह प्रमाण है : जो व्यक्‍ति कहता है कि मैं उस में निवास करता हूँ, उसे वैसा ही आचरण करना चाहिए, जैसा आचरण मसीह ने किया।

1 योहन 2:2-6 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

वही हमारे पापों के लिए प्रायश्चित बलि हैं—मात्र हमारे ही पापों के लिए नहीं परंतु सारे संसार के पापों के लिए. परमेश्वर के आदेशों का पालन करना इस बात का प्रमाण है कि हमने परमेश्वर को जान लिया है. वह, जो यह कहता तो रहता है, “मैं परमेश्वर को जानता हूं,” किंतु उनके आदेशों और आज्ञाओं के पालन नहीं करता, झूठा है और उसमें सच है ही नहीं परंतु जो कोई उनकी आज्ञा का पालन करता है, उसमें परमेश्वर का प्रेम वास्तव में सिद्धता तक पहुंचा दिया गया है. परमेश्वर में हमारे स्थिर बने रहने का प्रमाण यह है: जो कोई यह दावा करता है कि वह मसीह येशु में स्थिर है, तो वह उन्हीं के समान चालचलन भी करे.

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