1 कुरिन्थियों 13:1-8
1 कुरिन्थियों 13:1-8 पवित्र बाइबल (HERV)
यदि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाएँ तो बोल सकूँ किन्तु मुझमें प्रेम न हो, तो मैं एक बजता हुआ घड़ियाल या झंकारती हुई झाँझ मात्र हूँ। यदि मुझमें परमेश्वर की ओर से बोलने की शक्ति हो और मैं परमेश्वर के सभी रहस्यों को जानता होऊँ तथा समूचा दिव्य ज्ञान भी मेरे पास हो और इतना विश्वास भी मुझमें हो कि पहाड़ों को अपने स्थान से सरका सकूँ, किन्तु मुझमें प्रेम न हो तो मैं कुछ नहीं हूँ। यदि मैं अपनी सारी सम्पत्ति थोड़ी-थोड़ी कर के ज़रूरत मन्दों के लिए दान कर दूँ और अब चाहे अपने शरीर तक को जला डालने के लिए सौंप दूँ किन्तु यदि मैं प्रेम नहीं करता तो। इससे मेरा भला होने वाला नहीं है। प्रेम धैर्यपूर्ण है, प्रेम दयामय है, प्रेम में ईर्ष्या नहीं होती, प्रेम अपनी प्रशंसा आप नहीं करता। वह अभिमानी नहीं होता। वह अनुचित व्यवहार कभी नहीं करता, वह स्वार्थी नहीं है, प्रेम कभी झुँझलाता नहीं, वह बुराइयों का कोई लेखा-जोखा नहीं रखता। बुराई पर कभी उसे प्रसन्नता नहीं होती। वह तो दूसरों के साथ सत्य पर आनंदित होता है। वह सदा रक्षा करता है, वह सदा विश्वास करता है। प्रेम सदा आशा से पूर्ण रहता है। वह सहनशील है। प्रेम अमर है। जबकि भविष्यवाणी का सामर्थ्य तो समाप्त हो जायेगा, दूसरी भाषाओं को बोलने की क्षमता युक्त जीभें एक दिन चुप हो जायेंगी, दिव्य ज्ञान का उपहार जाता रहेगा
1 कुरिन्थियों 13:1-8 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)
मैं भले ही मनुष्यों तथा स्वर्गदूतों की भाषाओं में बोलूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं ठनठनाता पीतल अथवा झनझनाती झाँझ मात्र हूँ। मुझे भले ही नबूवत करने का वरदान मिला हो, मैं सभी रहस्य जानता होऊं, मुझे समस्त ज्ञान प्राप्त हो गया हो, मेरा विश्वास इतना परिपूर्ण हो कि मैं पहाड़ों को हटा सकूँ; किन्तु यदि मुझ में प्रेम का अभाव है, तो मैं कुछ भी नहीं हूँ। मैं भले ही अपनी सारी सम्पत्ति दान कर दूँ और प्रसिद्धि पाने के लिए अपना शरीर अर्पित करूँ; किन्तु यदि मुझमें प्रेम का अभाव है, तो इससे मुझे कुछ भी लाभ नहीं। प्रेम सहनशील और दयालु है। प्रेम न तो ईष्र्या करता है, न डींग मारता, न घमण्ड करता है। प्रेम अशोभनीय व्यवहार नहीं करता। वह अपना स्वार्थ नहीं खोजता। प्रेम न तो झुंझलाता है और न बुराई का लेखा रखता है। वह दूसरों के पाप से नहीं, बल्कि उनके सदाचरण से प्रसन्न होता है। वह सब कुछ ढाँक देता है, सब कुछ पर विश्वास करता है, सब कुछ की आशा करता और सब कुछ सह लेता है। नबूवतें जाती रहेंगी, अध्यात्म भाषाएँ मौन हो जायेंगी और ज्ञान मिट जायेगा, किन्तु प्रेम का कभी अन्त नहीं होगा
1 कुरिन्थियों 13:1-8 Hindi Holy Bible (HHBD)
यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं। और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूं, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूं, और मुझे यहां तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूं, परन्तु प्रेम न रखूं, तो मैं कुछ भी नहीं। और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूं, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूं, और प्रेम न रखूं, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। प्रेम धीरजवन्त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियां हों, तो समाप्त हो जाएंगी, भाषाएं हो तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा।
1 कुरिन्थियों 13:1-8 पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) (HINOVBSI)
यदि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की बोलियाँ बोलूँ और प्रेम न रखूँ, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झाँझ हूँ। और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूँ, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूँ, और मुझे यहाँ तक पूरा विश्वास हो कि मैं पहाड़ों को हटा दूँ, परन्तु प्रेम न रखूँ, तो मैं कुछ भी नहीं। यदि मैं अपनी सम्पूर्ण संपत्ति कंगालों को खिला दूँ, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूँ, और प्रेम न रखूँ, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं, वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुँझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियाँ हों, तो समाप्त हो जाएँगी; भाषाएँ हों, तो जाती रहेंगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा।
1 कुरिन्थियों 13:1-8 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)
यदि मैं मनुष्यों, और स्वर्गदूतों की बोलियाँ बोलूँ, और प्रेम न रखूँ, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झाँझ हूँ। और यदि मैं भविष्यद्वाणी कर सकूँ, और सब भेदों और सब प्रकार के ज्ञान को समझूँ, और मुझे यहाँ तक पूरा विश्वास हो, कि मैं पहाड़ों को हटा दूँ, परन्तु प्रेम न रखूँ, तो मैं कुछ भी नहीं। और यदि मैं अपनी सम्पूर्ण सम्पत्ति कंगालों को खिला दूँ, या अपनी देह जलाने के लिये दे दूँ, और प्रेम न रखूँ, तो मुझे कुछ भी लाभ नहीं। प्रेम धीरजवन्त है, और कृपालु है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। अशोभनीय व्यवहार नहीं करता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुँझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों पर विश्वास करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। (1 कुरि. 13:4) प्रेम कभी टलता नहीं; भविष्यद्वाणियाँ हों, तो समाप्त हो जाएँगी, भाषाएँ मौन हो जाएँगी; ज्ञान हो, तो मिट जाएगा।
1 कुरिन्थियों 13:1-8 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)
यदि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाओं में बातें करूं मगर यदि मैं प्रेम न रखूं, तो मैं घनघनाता घड़ियाल या झनझनाती झांझ हूं. यदि मुझे भविष्यवाणी करने की क्षमता प्राप्त है, मैं भेद जानने वाला तथा ज्ञानी हूं और मेरा विश्वास ऐसा मजबूत हो कि मेरे वचन मात्र से पर्वत अपने स्थान से हट जाएं किंतु मैं प्रेम न रखूं तो मैं कुछ भी नहीं. यदि मैं अपनी सारी संपत्ति कंगालों में बांट दूं और अपना शरीर भस्म होने के लिए बलिदान कर दूं किंतु यदि मैं प्रेम न रखूं तो क्या लाभ? प्रेम धीरजवंत है, प्रेम कृपालु है. प्रेम जलन नहीं करता, अपनी बड़ाई नहीं करता, घमंड नहीं करता, अशोभनीय नहीं, स्वार्थी नहीं, झुंझलाता भी नहीं और क्रोधी भी नहीं है. उसका आनंद दुराचार में नहीं, सच्चाई में है. प्रेम हमेशा ही सुरक्षा प्रदान करता है, संदेह नहीं करता, हमेशा आशावान और हमेशा धीरज बनाए रहता है. प्रेम अनंत काल का है. जहां तक भविष्यवाणियों का सवाल है, वे थोड़े समय के लिए हैं. भाषाएं निःशब्द हो जाएंगी तथा ज्ञान मिट जाएगा