1 कुरिन्थियों 11:7-12

1 कुरिन्थियों 11:7-12 पवित्र बाइबल (HERV)

किन्तु पुरुष के लिये अपना सिर ढकना उचित नहीं है क्योंकि वह परमेश्वर के स्वरूप और महिमा का प्रतिबिम्ब है। किन्तु एक स्त्री अपने पुरुष की महिमा को प्रतिबिंबित करती है। मैं ऐसा इसलिए कहता हूँ क्योंकि पुरुष किसी स्त्री से नहीं, बल्कि स्त्री पुरुष से बनी है। पुरुष स्त्री के लिये नहीं रचा गया बल्कि स्त्री की रचना पुरुष के लिये की गयी है। इसलिए परमेश्वर ने उसे जो अधिकार दिया है, उसके प्रतीक रूप में स्त्री को चाहिये कि वह अपना सिर ढके। उसे स्वर्गदूतों के कारण भी ऐसा करना चाहिये। फिर भी प्रभु में न तो स्त्री पुरुष से स्वतन्त्र है और न ही पुरुष स्त्री से। क्योंकि जैसे पुरुष से स्त्री आयी, वैसे ही स्त्री ने पुरुष को जन्म दिया। किन्तु सब कोई परमेश्वर से आते हैं।

1 कुरिन्थियों 11:7-12 पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) (HINCLBSI)

पुरुष को अपना सिर नहीं ढकना चाहिए; क्‍योंकि वह परमेश्‍वर का प्रतिरूप और उसकी महिमा का प्रतिबिन्‍ब है, जब कि स्‍त्री पुरुष की महिमा का प्रतिबिम्‍ब है। पुरुष स्‍त्री से नहीं बना, बल्‍कि स्‍त्री पुरुष से बनी और पुरुष की सृष्‍टि स्‍त्री के लिए नहीं हुई, बल्‍कि पुरुष के लिए स्‍त्री की सृष्‍टि हुई। इसलिए प्रार्थना में स्‍वर्गदूतों के कारण स्‍त्री को मान-मर्यादा का चिह्‍न अपने सिर पर पहनना चाहिए। फिर भी प्रभु में स्‍त्री के बिना पुरुष कुछ नहीं है और पुरुष के बिना स्‍त्री कुछ नहीं; क्‍योंकि जैसे पुरुष से स्‍त्री की सृष्‍टि हुई वैसे ही पुरुष का जन्‍म स्‍त्री से होता है, किन्‍तु सब का मूलस्रोत परमेश्‍वर है।

1 कुरिन्थियों 11:7-12 इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 (IRVHIN)

हाँ पुरुष को अपना सिर ढाँकना उचित नहीं, क्योंकि वह परमेश्वर का स्वरूप और महिमा है; परन्तु स्त्री पुरुष की शोभा है। (1 कुरि. 11:3) क्योंकि पुरुष स्त्री से नहीं हुआ, परन्तु स्त्री पुरुष से हुई है। (उत्प. 2:21-23) और पुरुष स्त्री के लिये नहीं सिरजा गया, परन्तु स्त्री पुरुष के लिये सिरजी गई है। (उत्प. 2:18) इसलिए स्वर्गदूतों के कारण स्त्री को उचित है, कि अधिकार अपने सिर पर रखे। तो भी प्रभु में न तो स्त्री बिना पुरुष और न पुरुष बिना स्त्री के है। क्योंकि जैसे स्त्री पुरुष से है, वैसे ही पुरुष स्त्री के द्वारा है; परन्तु सब वस्तुएँ परमेश्वर से हैं।

1 कुरिन्थियों 11:7-12 सरल हिन्दी बाइबल (HSS)

पुरुष के लिए सिर ढांकना उचित नहीं क्योंकि वह परमेश्वर का प्रतिरूप तथा गौरव है. इसी प्रकार पुरुष का गौरव स्त्री है क्योंकि नर की उत्पत्ति नारी से नहीं परंतु नारी की नर से हुई है नर को नारी के लिए नहीं बनाया गया परंतु नारी को नर के लिए बनाया गया. इसलिये स्वर्गदूतों की उपस्थिति का ध्यान रखते हुए स्त्रियों के लिए उचित है कि वे अपनी अधीनता के प्रतीक स्वरूप अपने सिर को ढांक कर रखें. फिर भी, प्रभु में न तो नारी पुरुष से और न पुरुष नारी से स्वतंत्र है. जिस प्रकार नारी की उत्पत्ति नर से हुई है उसी प्रकार अब नर का जन्म नारी से होता है तथा सभी सृष्टि की उत्पत्ति परमेश्वर से है.