और सिकन्दर और रूफुस का पिता, शमौन नाम एक कुरेनी मनुष्य, जो गांव से आ रहा था उधर से निकला; उन्होंने उसे बेगार में पकड़ा, कि उसका क्रूस उठा ले चले।
और वे उसे गुलगुता नाम जगह पर जिस का अर्थ खोपड़ी की जगह है लाए।
और उसे मुर्र मिला हुआ दाखरस देने लगे, परन्तु उस ने नहीं लिया।
तब उन्होंने उस को क्रूस पर चढ़ाया, और उसके कपड़ों पर चिट्ठियां डालकर, कि किस को क्या मिले, उन्हें बांट लिया।
और पहर दिन चढ़ा था, जब उन्होंने उस को क्रूस पर चढ़ाया।
और उसका दोषपत्र लिखकर उसके ऊपर लगा दिया गया कि “यहूदियों का राजा”।
और उन्होंने उसके साथ दो डाकू, एक उस की दाहिनी और एक उस की बाईं ओर क्रूस पर चढ़ाए।
तब धर्मशास्त्र का वह वचन कि वह अपराधियों के संग गिना गया पूरा हुआ।
और मार्ग में जाने वाले सिर हिला हिलाकर और यह कहकर उस की निन्दा करते थे, कि वाह! मन्दिर के ढाने वाले, और तीन दिन में बनाने वाले! क्रूस पर से उतर कर अपने आप को बचा ले।
इसी रीति से महायाजक भी, शास्त्रियों समेत,
आपस में ठट्ठे से कहते थे; कि इस ने औरों को बचाया, और अपने को नहीं बचा सकता।
इस्राएल का राजा मसीह अब क्रूस पर से उतर आए कि हम देखकर विश्वास करें: और जो उसके साथ क्रूसों पर चढ़ाए गए थे, वे भी उस की निन्दा करते थे॥
और दोपहर होने पर, सारे देश में अन्धियारा छा गया; और तीसरे पहर तक रहा।
तीसरे पहर यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा, इलोई, इलोई, लमा शबक्तनी जिस का अर्थ यह है; हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, तू ने मुझे क्यों छोड़ दिया?
जो पास खड़े थे, उन में से कितनों ने यह सुनकर कहा: देखो यह एलिय्याह को पुकारता है।
और एक ने दौड़कर इस्पंज को सिरके में डुबोया, और सरकण्डे पर रखकर उसे चुसाया; और कहा, ठहर जाओ, देखें, कि एलिय्याह उसे उतारने कि लिये आता है कि नहीं।
तब यीशु ने बड़े शब्द से चिल्लाकर प्राण छोड़ दिये।
और मन्दिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया।
जो सूबेदार उसके सम्हने खड़ा था, जब उसे यूं चिल्लाकर प्राण छोड़ते हुए देखा, तो उस ने कहा, सचमुच यह मनुष्य, परमेश्वर का पुत्र था।