मत्ती 15:21-39

मत्ती 15:21-39 HHBD

यीशु वहां से निकलकर, सूर और सैदा के देशों की ओर चला गया। और देखो, उस देश से एक कनानी स्त्री निकली, और चिल्लाकर कहने लगी; हे प्रभु दाऊद के सन्तान, मुझ पर दया कर, मेरी बेटी को दुष्टात्मा बहुत सता रहा है। पर उस ने उसे कुछ उत्तर न दिया, और उसके चेलों ने आकर उस से बिनती कर कहा; इसे विदा कर; क्योंकि वह हमारे पीछे चिल्लाती आती है। उस ने उत्तर दिया, कि इस्राएल के घराने की खोई हुई भेड़ों को छोड़ मैं किसी के पास नहीं भेजा गया। पर वह आई, और उसे प्रणाम करके कहने लगी; हे प्रभु, मेरी सहायता कर। उस ने उत्तर दिया, कि लड़कों की रोटी लेकर कुत्तों के आगे डालना अच्छा नहीं। उस ने कहा, सत्य है प्रभु; पर कुत्ते भी वह चूरचार खाते हैं, जो उन के स्वामियों की मेज से गिरते हैं। इस पर यीशु ने उस को उत्तर देकर कहा, कि हे स्त्री, तेरा विश्वास बड़ा है: जैसा तू चाहती है, तेरे लिये वैसा ही हो; और उस की बेटी उसी घड़ी से चंगी हो गई॥ यीशु वहां से चलकर, गलील की झील के पास आया, और पहाड़ पर चढ़कर वहां बैठ गया। और भीड़ पर भीड़ लंगड़ों, अन्धों, गूंगों, टुंड़ों, और बहुत औरों को लेकर उसके पास आए; और उन्हें उस के पांवों पर डाल दिया, और उस ने उन्हें चंगा किया। सो जब लोगों ने देखा, कि गूंगे बोलते और टुण्डे चंगे होते और लंगड़े चलते और अन्धे देखते हैं, तो अचम्भा करके इस्राएल के परमेश्वर की बड़ाई की॥ यीशु ने अपने चेलों को बुलाकर कहा, मुझे इस भीड़ पर तरस आता है; क्योंकि वे तीन दिन से मेरे साथ हैं और उन के पास कुछ खाने को नहीं; और मैं उन्हें भूखा विदा करना नहीं चाहता; कहीं ऐसा न हो कि मार्ग में थककर रह जाएं। चेलों ने उस से कहा, हमें जंगल में कहां से इतनी रोटी मिलेगी कि हम इतनी बड़ी भीड़ को तृप्त करें? यीशु ने उन से पूछा, तुम्हारे पास कितनी रोटियां हैं? उन्होंने कहा; सात और थोड़ी सी छोटी मछिलयां। तब उस ने लोगों को भूमि पर बैठने की आज्ञा दी। और उन सात रोटियों और मछिलयों को ले धन्यवाद करके तोड़ा और अपने चेलों को देता गया; और चेले लोगों को। सो सब खाकर तृप्त हो गए और बचे हुए टुकड़ों से भरे हुए सात टोकरे उठाए। और खाने वाले स्त्रियों और बालकों को छोड़ चार हजार पुरूष थे। तब वह भीड़ को विदा करके नाव पर चढ़ गया, और मगदन देश के सिवानों में आया॥

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