उस समय यीशु सब्त के दिन खेतों में से होकर जा रहा था, और उसके चेलों को भूख लगी, सो वे बालें तोड़ तोड़ कर खाने लगे।
फरीसियों ने यह देखकर उस से कहा, देख तेरे चेले वह काम कर रहे हैं, जो सब्त के दिन करना उचित नहीं।
उस ने उन से कहा; क्या तुम ने नहीं पढ़ा, कि दाऊद ने, जब वह और उसके साथी भूखे हुए तो क्या किया?
वह क्योंकर परमेश्वर के घर में गया, और भेंट की रोटियां खाईं, जिन्हें खाना न तो उसे और उसके साथियों को, पर केवल याजकों को उचित था?
या तुम ने व्यवस्था में नहीं पढ़ा, कि याजक सब्त के दिन मन्दिर में सब्त के दिन के विधि को तोड़ने पर भी निर्दोष ठहरते हैं।
पर मैं तुम से कहता हूं, कि यहां वह है, जो मन्दिर से भी बड़ा है।
यदि तुम इस का अर्थ जानते कि मैं दया से प्रसन्न हूं, बलिदान से नहीं, तो तुम निर्दोष को दोषी न ठहराते।
मनुष्य का पुत्र तो सब्त के दिन का भी प्रभु है॥
वहां से चलकर वह उन की सभा के घर में आया।
और देखो, एक मनुष्य था, जिस का हाथ सूखा हुआ था; और उन्होंने उस पर दोष लगाने के लिये उस से पूछा, कि क्या सब्त के दिन चंगा करना उचित है?
उस ने उन से कहा; तुम में ऐसा कौन है, जिस की एक ही भेड़ हो, और वह सब्त के दिन गड़हे में गिर जाए, तो वह उसे पकड़कर न निकाले?
भला, मनुष्य का मूल्य भेड़ से कितना बढ़ कर है; इसलिये सब्त के दिन भलाई करना उचित है: तब उस ने उस मनुष्य से कहा, अपना हाथ बढ़ा।
उस ने बढ़ाया, और वह फिर दूसरे हाथ की नाईं अच्छा हो गया।
तब फरीसियों ने बाहर जाकर उसके विरोध में सम्मति की, कि उसे किस प्रकार नाश करें?
यह जानकर यीशु वहां से चला गया; और बहुत लोग उसके पीछे हो लिये; और उस ने सब को चंगा किया।
और उन्हें चिताया, कि मुझे प्रगट न करना।
कि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो।
कि देखो, यह मेरा सेवक है, जिसे मैं ने चुना है; मेरा प्रिय, जिस से मेरा मन प्रसन्न है: मैं अपना आत्मा उस पर डालूंगा; और वह अन्यजातियों को न्याय का समाचार देगा।
वह न झगड़ा करेगा, और न धूम मचाएगा; और न बाजारों में कोई उसका शब्द सुनेगा।
वह कुचले हुए सरकण्डे को न तोड़ेगा; और धूआं देती हुई बत्ती को न बुझाएगा, जब तक न्याय को प्रबल न कराए।
और अन्यजातियां उसके नाम पर आशा रखेंगी।