उत्पत्ति 49:22-33

उत्पत्ति 49:22-33 HHBD

यूसुफ बलवन्त लता की एक शाखा है, वह सोते के पास लगी हुई फलवन्त लता की एक शाखा है; उसकी डालियां भीत पर से चढ़कर फैल जाती हैं॥ धनुर्धारियों ने उसको खेदित किया, और उस पर तीर मारे, और उसके पीछे पड़े हैं॥ पर उसका धनुष दृढ़ रहा, और उसकी बांह और हाथ याकूब के उसी शक्तिमान ईश्वर के हाथों के द्वारा फुर्तीले हुए, जिसके पास से वह चरवाहा आएगा, जो इस्राएल का पत्थर भी ठहरेगा॥ यह तेरे पिता के उस ईश्वर का काम है, जो तेरी सहायता करेगा, उस सर्वशक्तिमान को जो तुझे ऊपर से आकाश में की आशीषें, और नीचे से गहिरे जल में की आशीषें, और स्तनों, और गर्भ की आशीषें देगा॥ तेरे पिता के आशीर्वाद मेरे पितरों के आशीर्वाद से अधिक बढ़ गए हैं और सनातन पहाडिय़ों की मन- चाही वस्तुओं की नाईं बने रहेंगे: वे यूसुफ के सिर पर, जो अपने भाइयों में से न्यारा हुआ, उसी के सिर के मुकुट पर फूले फलेंगे॥ बिन्यामीन फाड़नेहारा हुण्डार है, सवेरे तो वह अहेर भक्षण करेगा, और सांझ को लूट बांट लेगा॥ इस्राएल के बारहों गोत्र ये ही हैं: और उनके पिता ने जिस जिस वचन से उन को आशीर्वाद दिया, सो ये ही हैं; एक एक को उसके आशीर्वाद के अनुसार उसने आशीर्वाद दिया। तब उसने यह कहकर उन को आज्ञा दी, कि मैं अपने लोगों के साथ मिलने पर हूं: इसलिये मुझे हित्ती एप्रोन की भूमिवाली गुफा में मेरे बापदादों के साथ मिट्टी देना, अर्थात उसी गुफा में जो कनान देश में मम्रे के साम्हने वाली मकपेला की भूमि में है; उस भूमि को तो इब्राहीम ने हित्ती एप्रोन के हाथ से इसी निमित्त मोल लिया था, कि वह कबरिस्तान के लिये उसकी निज भूमि हो। वहां इब्राहीम और उसकी पत्नी सारा को मिट्टी दी गई; और वहीं इसहाक और उसकी पत्नी रिबका को भी मिट्टी दी गई; और वहीं मैं ने लिआ: को भी मिट्टी दी। वह भूमि और उस में की गुफा हित्तियों के हाथ से मोल ली गई। यह आज्ञा जब याकूब अपने पुत्रों को दे चुका, तब अपने पांव खाट पर समेट प्राण छोड़े, और अपने लोगों में जा मिला।