तब सर्प ने स्त्री से कहा, तुम निश्चय न मरोगे, वरन परमेश्वर आप जानता है, कि जिस दिन तुम उसका फल खाओगे उसी दिन तुम्हारी आंखें खुल जाएंगी, और तुम भले बुरे का ज्ञान पाकर परमेश्वर के तुल्य हो जाओगे। सो जब स्त्री ने देखा कि उस वृक्ष का फल खाने में अच्छा, और देखने में मनभाऊ, और बुद्धि देने के लिये चाहने योग्य भी है, तब उसने उस में से तोड़कर खाया; और अपने पति को भी दिया, और उसने भी खाया।
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