दानिय्येल 3:1-18

दानिय्येल 3:1-18 HHBD

नबूकदनेस्सर राजा ने सोने की एक मूरत बनवाई, जिनकी ऊंचाई साठ हाथ, और चौड़ाई छ: हाथ की थी। और उसने उसको बाबुल के प्रान्त के दूरा नाम मैदान में खड़ा कराया। तब नबूकदनेस्सर राजा ने अधिपतियों, हाकिमों, गवर्नरों, जजों, खजांनचियों, न्यायियों, शास्त्रियों, आदि प्रान्त-प्रान्त के सब अधिकारियों को बुलवा भेजा कि वे उस मूरत की प्रतिष्ठा में आएं जो उसने खड़ी कराई थी। तब अधिपति, हाकिम, गर्वनर, जज, खजांनची, न्यायी, शास्त्री आदि प्रान्त-प्रान्त के सब अधिकारी नबूकदनेस्सर राजा की खड़ी कराई हुई मूरत की प्रतिष्ठा के लिये इकट्ठे हुए, और उस मूरत के साम्हने खड़े हुए। तब ढिंढोरिये ने ऊंचे शब्द से पुकार कर कहा, हे देश-देश और जाति-जाति के लोगों, और भिन्न भिन्न भाषा बोलने वालो, तुम को यह आज्ञा सुनाई जाती है कि, जिस समय तुम नरसिंगे, बांसुली, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुनो, तुम उसी समय गिर कर नबूकदनेस्सर राजा की खड़ी कराई हुए सोने की मूरत को दण्डवत करो। और जो कोई गिरकर दण्डवत न करेगा वह उसी घड़ी धधकते हुए भट्ठे के बीच में डाल दिया जाएगा। इस कारण उस समय ज्योंही सब जाति के लोगों को नरसिंगे, बांसुली, वीणा, सारंगी, सितार शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुन पड़ा, त्योंही देश-देश और जाति-जाति के लोगों और भिन्न-भिन्न भाषा बोलने वालों ने गिर कर उस सोने की मूरत को जो नबूकदनेस्सर राजा ने खड़ी कराई थी, दण्डवत की॥ उसी समय कई एक कसदी पुरूष राजा के पास गए, और कपट से यहूदियों की चुगली खाई। वे नबुकदनेस्सर राजा से कहने लगे, हे राजा, तू चिरंजीव रहे। हे राजा, तू ने तो यह आज्ञा दी है कि जो मनुष्य नरसिंगे, बांसुली, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुने, वह गिर कर उस सोने की मूरत को दण्डवत करे; और जो कोई गिर कर दण्डवत न करे वह धधकते हुए भट्ठे के बीच में डाल दिया जाए। देख, शद्रक, मेशक, और अबेदनगो नाम कुछ यहूदी पुरूष हैं, जिन्हें तू ने बाबुल के प्रान्त के कार्य के ऊपर नियुक्त किया है। उन पुरूषों ने, हे राजा, तेरी आज्ञा की कुछ चिन्ता नहीं की; वे तेरे देवता की उपासना नहीं करते, और जो सोने की मूरत तू ने खड़ी कराई है, उसको दण्डवत नहीं करते॥ तब नबूकदनेस्सर ने रोष और जलजलाहट में आकर आज्ञा दी कि शद्रक मेशक और अबेदनगो को लाओ। तब वे पुरूष राजा के साम्हने हाजिर किए गए। नबूकदनेस्सर ने उन से पूछा, हे शद्रक, मेशक और अबेदनगो, तुम लोग जो मेरे देवता की उपासना नहीं करते, और मेरी खड़ी कराई हुई सोने की मूरत को दण्डवत नहीं करते, सो क्या तुम जान बूझकर ऐसा करते हो? यदि तुम अभी तैयार हो, कि जब नरसिंगे, बांसुली, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई आदि सब प्रकार के बाजों का शब्द सुनो, और उसी क्षण गिर कर मेरी बनवाई हुई मूरत को दण्डवत करो, तो बचोगे; और यदि तुम दण्डवत ने करो तो इसी घड़ी धधकते हुए भट्ठे के बीच में डाले जाओगे; फिर ऐसा कौन देवता है, जो तुम को मेरे हाथ से छुड़ा सके? शद्रक, मेशक और अबेदनगो ने राजा से कहा, हे नबूकदनेस्सर, इस विषय में तुझे उत्तर देने का हमें कुछ प्रयोजन नहीं जान पड़ता। हमारा परमेश्वर, जिसकी हम उपासना करते हैं वह हम को उस धधकते हुए भट्टे की आग से बचाने की शक्ति रखता है; वरन हे राजा, वह हमें तेरे हाथ से भी छुड़ा सकता है। परन्तु, यदि नहीं, तो हे राजा तुझे मालूम हो, कि हम लोग तेरे देवता की उपासना नहीं करेंगे, और न तेरी खड़ी कराई हुई सोने की मूरत को दण्डवत करेंगे॥