तब यहोवा ने दाऊद के पास नातान को भेजा, और वह उसके पास जा कर कहने लगा, एक नगर में दो मनुष्य रहते थे, जिन में से एक धनी और एक निर्धन था। धनी के पास तो बहुत सी भेड़-बकरियां और गाय बैल थे; परन्तु निर्धन के पास भेड़ की एक छोटी बच्ची को छोड़ और कुछ भी न था, और उसको उसने मोल ले कर जिलाया था। और वह उसके यहां उसके बालबच्चों के साथ ही बढ़ी थी; वह उसके टुकड़े में से खाती, और उसके कटोरे में से पीती, और उसकी गोद मे सोती थी, और वह उसकी बेटी के समान थी। और धनी के पास एक बटोही आया, और उसने उस बटोही के लिये, जो उसके पास आया था, भोजन बनवाने को अपनी भेड़-बकरियों वा गाय बैलों में से कुछ न लिया, परन्तु उस निर्धन मनुष्य की भेड़ की बच्ची ले कर उस जन के लिये, जो उसके पास आया था, भोजन बनवाया। तब दाऊद का कोप उस मनुष्य पर बहुत भड़का; और उसने नातान से कहा, यहोवा के जीवन की शपथ, जिस मनुष्य ने ऐसा काम किया वह प्राण दण्ड के योग्य है; और उसको वह भेड़ की बच्ची का औगुणा भर देना होगा, क्योंकि उसने ऐसा काम किया, और कुछ दया नहीं की। तब नातान ने दाऊद से कहा, तू ही वह मनुष्य है। इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, कि मैं ने तेरा अभिशेक कराके तुझे इस्राएल का राजा ठहराया, और मैं ने तुझे शाऊल के हाथ से बचाया
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