2 राजा 1:9-15

2 राजा 1:9-15 HHBD

तब उसने उसके पास पचास सिपाहियों के एक प्रधान को उसके पचासों सिपाहियों समेत भेजा। प्रधान ने उसके पास जा कर क्या देखा कि वह पहाड़ की चोटी पर बैठा है। और उसने उस से कहा, हे परमेश्वर के भक्त राजा ने कहा है, कि तू उतर आ। एलिय्याह ने उस पचास सिपाहियों के प्रधान से कहा, यदि मैं परमेश्वर का भक्त हूँ तो आकाश से आग गिरकर तुझे तेरे पचासों समेत भस्म कर डाले। तब आकाश से आग उतरी और उसे उसके पचासों समेत भस्म कर दिया। फिर राजा ने उसके पास पचास सिपाहियों के एक और प्रधान को, पचासों सिपाहियों समेत भेज दिया। प्रधान ने उस से कहा हे परमेश्वर के भक्त राजा ने कहा है, कि फुतीं से तू उतर आ। एलिय्याह ने उत्तर देकर उन से कहा, यदि मैं परमेश्वर का भक्त हूँ तो आकाश से आग गिरकर तुझे, तेरे पचासों समेत भस्म कर डाले; तब आकाश से परमेश्वर की आग उतरी और उसे उसके पचासों समेत भस्म कर दिया। फिर राजा ने तीसरी बार पचास सिपाहियों के एक और प्रधान को, पचासों सिपाहियों समेत भेज दिया, और पचास का वह तीसरा प्रधान चढ़ कर, एलिय्याह के साम्हने घुटनों के बल गिरा, और गिड़गिड़ा कर उस से कहने लगा, हे परमेश्वर के भक्त मेरा प्राण और तेरे इन पचास दासों के प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरें। पचास पचास सिपाहियों के जो दो प्रधान अपने अपने पचासों समेत पहिले आए थे, उन को तो आग ने आकाश से गिरकर भस्म कर डाला, परन्तु अब मेरा प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरे। तब यहोवा के दूत ने उलिय्याह से कहा, उसके संग नीचे जा, उस से पत डर। तब एलिय्याह उठ कर उसके संग राजा के पास नीचे गया।

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