क्योंकि यदि मैं घमण्ड करना चाहूं भी तो मूर्ख न हूंगा, क्योंकि सच बोलूंगा; तोभी रुक जाता हूं, ऐसा न हो, कि जैसा कोई मुझे देखता है, या मुझ से सुनता है, मुझे उस से बढ़कर समझे। और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं। इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार बिनती की, कि मुझ से यह दूर हो जाए। और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्त होता हूं॥
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