जब योशिय्याह राज्य करने लगा तब वह आठ वर्ष का था, और यरूशलेम में इकतीस वर्ष तक राज्य करता रहा। उसने वह किया जो यहोवा की दृष्टि में ठीक है, और जिन मार्गों पर उसका मूलपुरुष दाऊद चलता रहा, उन्हीं पर वह भी चला करता था और उस से न तो दाहिनी ओर मुड़ा, और न बाईं ओर। वह लड़का ही था, अर्थात उसको गद्दी पर बैठे आठ वर्ष पूरे भी न हुए थे कि अपने मूलपुरुष दाऊद के परमेश्वर की खोज करने लगा, और बारहवें वर्ष में वह ऊंचे स्थानों और अशेरा नाम मूरतों को और खुदी और ढली हुई मूरतों को दूर कर के, यहूदा और यरूशलेम को शुद्ध करने लगा। और बाल देवताओं की वेदियां उसके साम्हने तोड़ डाली गई, और सूर्य की प्रतिमायें जो उनके ऊपर ऊंचे पर थी, उसने काट डालीं, और अशेरा नाम, और खुदी और ढली हुई मूरतों को उसने तोड़ कर पीस डाला, और उनकी बुकनी उन लोगों की कबरों पर छितरा दी, जो उन को बलि चढ़ाते थे। और पुजारियों की हड्डियां उसने उन्हीं की वेदियों पर जलाईं। यों उसने यहूदा और यरूशलेम को शुद्ध किया। फिर मनश्शे, एप्रैम और शिमोन के वरन नप्ताली तक के नगरों के खणडहरों में, उसने वेदियों को तोड़ डाला, और अशेरा नाम और खुदी हुई मूरतों को पीस कर बुकनी कर डाला, और इस्राएल के सारे देश की सूर्य की सब प्रतिमाओं को काट कर यरूशलेम को लौट गया। फिर अपने राज्य के अठारहवें वर्ष में जब वह देश और भवन दोनों को शुद्ध कर चुका, तब उसने असल्याह के पुत्र शापान और नगर के हाकिम मासेयाह और योआहाज के पुत्र इतिहास के लेखक योआह को अपने परमेश्वर यहोवा के भवन की मरम्मत कराने के लिये भेज दिया।
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