वे जनता के बीच मेरी चर्चायें करतें, और पियक्कड़ मेरे गीत रचा करते हैं। हे यहोवा, जहाँ तक मेरी बात है, मेरी तुझसे यह विनती है कि मैं चाहता हूँ; तू मुझे अपना ले! हे परमेश्वर, मैं चाहता हूँ कि तू मुझको प्रेम भरा उत्तर दे। मैं जानता हूँ कि मैं तुझ पर सुरक्षा का भरोसा कर सकता हूँ। मुझको दलदल से उबार ले। मुझको दलदल के बीच मत डूबने दे। मुझको मेरे बैरी लोगों से तू बचा ले। तू मुझको इस गहरे पानी से बचा ले। बाढ की लहरों को मुझे डुबाने न दे। गहराई को मुझे निगलने न दे। कब्र को मेरे ऊपर अपना मुँह बन्द न करने दे। हे यहोवा, तेरी करूण खरी है। तू मुझको निज सम्पूर्ण प्रेम से उत्तर दे। मेरी सहायता के लिए अपनी सम्पूर्ण कृपा के साथ मेरी ओर मुख कर! अपने दास से मत मुख मोड़। मैं संकट में पड़ा हूँ! मुझको शीघ्र सहारा दे। आ, मेरे प्राण बचा ले। तू मुझको मेरे शत्रुओं से छुड़ा ले। तू मेरा निरादर जानता है। तू जानता है कि मेरे शत्रुओं ने मुझे लज्जित किया है। उन्हें मेरे संग ऐसा करते तूने देखा है। निन्दा ने मुझको चकनाचूर कर दिया है! बस निन्दा के कारण मैं मरने पर हूँ। मैं सहानुभूति की बाट जोहता रहा, मैं सान्त्वना की बाट जोहता रहा, किन्तु मुझको तो कोई भी नहीं मिला। उन्होंने मुझे विष दिया, भोजन नहीं दिया। सिरका मुझे दे दिया, दाखमधु नहीं दिया। उनकी मेज खानों से भरी है वे इतना विशाल सहभागिता भोज कर रहे हैं। मैं आशा करता हूँ कि वे खाना उन्हें नष्ट करें। वे अंधे हो जायें और उनकी कमर झुक कर दोहरी हो जाये। ऐसे लगे कि उन पर तेरा भरपूर क्रोध टूट पड़ा है। उनके घरों को तू खाली बना दे। वहाँ कोई जीवित न रहे। उनको दण्ड दे, और वे दूर भाग जायें। फिर उनके पास, उनकी बातों के विषय में उनके दर्द और घाव हो। उनके बुरे कर्मों का उनको दण्ड दे, जो उन्होंने किये हैं। उनको मत दिखला कि तू और कितना भला हो सकता है। जीवन की पुस्तक से उनके नाम मिटा दे। सज्जनों के नामों के साथ तू उनके नाम उस पुस्तक में मत लिख। मैं दु:खी हूँ और दर्द में हूँ। हे परमेश्वर, मुझको उबार ले। मेरी रक्षा कर! मैं परमेश्वर के नाम का गुण गीतों में गाऊँगा। मैं उसका यश धन्यवाद के गीतों से गाऊँगा। परमेश्वर इससे प्रसन्न हो जायेगा। ऐसा करना एक बैल की बलि या पूरे पशु की ही बलि चढ़ाने से अधिक उत्तम है। अरे दीन जनों, तुम परमेश्वर की आराधना करने आये हो। अरे दीन लोगों! इन बातों को जानकर तुम प्रसन्न हो जाओगे। यहोवा, दीनों और असहायों की सुना करता है। यहोवा उन्हें अब भी चाहता है, जो लोग बंधन में पड़े हैं। हे स्वर्ग और हे धरती, हे सागर और इसके बीच जो भी समाया है। परमेश्वर की स्तुती करो! यहोवा सिय्योन की रक्षा करेगा! यहोवा यहूदा के नगर का फिर निर्माण करेगा। वे लोग जो इस धरती के स्वामी हैं, फिर वहाँ रहेंगे! उसके सेवकों की संताने उस धरती को पायेगी। और ऐसे वे लोग निवास करेंगे जिन्हें उसका नाम प्यारा है।
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