भजन संहिता 33:1-11

भजन संहिता 33:1-11 HERV

हे सज्जन लोगों, यहोवा में आनन्द मनाओ! सज्जनो सत पुरुषों, उसकी स्तुति करो! वीणा बजाओ और उसकी स्तुति करो! यहोवा के लिए दस तार वाले सांरगी बजाओ। अब उसके लिये नया गीत गाओ। खुशी की धुन सुन्दरता से बजाओ! परमेश्वर का वचन सत्य है। जो भी वह करता है उसका तुम भरोसा कर सकते हो। नेकी और निष्पक्षता परमेश्वर को भाती है। यहोवा ने अपने निज करुणा से इस धरती को भर दिया है। यहोवा ने आदेश दिया और सृष्टि तुरंत अस्तित्व में आई। परमेश्वर के श्वास ने धरती पर हर वस्तु रची। परमेश्वर ने सागर में एक ही स्थान पर जल समेटा। वह सागर को अपने स्थान पर रखता है। धरती के हर मनुष्य को यहोवा का आदर करना और डरना चाहिए। इस विश्व में जो भी मनुष्य बसे हैं, उनको चाहिए कि वे उससे डरें। क्योंकि परमेश्वर को केवल बात भर कहनी है, और वह बात तुरंत घट जाती है। यदि वह किसी को रुकने का आदेश दे, तो वह तुरंत थम दाती है। परमेश्वर चाहे तो सभी सुझाव व्यर्थ करे। वह किसी भी जन के सब कुचक्रों को व्यर्थ कर सकता है। किन्तु यहोवा के उपदेश सदा ही खरे होते है। उसकी योजनाएँ पीढी पर पीढी खरी होती हैं।