मत्ती 6:5-18

मत्ती 6:5-18 HERV

“जब तुम प्रार्थना करो तो कपटियों की तरह मत करो। क्योंकि वे यहूदी आराधनालयों और गली के नुक्कड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना चाहते हैं ताकि लोग उन्हें देख सकें। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि उन्हें तो उसका फल पहले ही मिल चुका है। किन्तु जब तू प्रार्थना करे, अपनी कोठरी में चला जा और द्वार बन्द करके गुप्त रूप से अपने परम-पिता से प्रार्थना कर। फिर तेरा परम-पिता जो तेरे छिपकर किए गए कर्मों को देखता है, तुझे उन का प्रतिफल देगा। “जब तुम प्रार्थना करते हो तो विधर्मियों की तरह यूँ ही निरर्थक बातों को बार-बार मत दुहराते रहो। वे तो यह सोचते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुन ली जायेगी। इसलिये उनके जैसे मत बनो क्योंकि तुम्हारा परम-पिता तुम्हारे माँगने से पहले ही जानता है कि तुम्हारी आवश्यकता क्या है। इसलिए इस प्रकार प्रार्थना करो: ‘स्वर्ग धाम में हमारे पिता, तेरा नाम पवित्र रहे। जगत में तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है वैसे ही पृथ्वी पर भी पूरी हो। दिन प्रतिदिन का आहार तू आज हमें दे। अपराधों को क्षमा दान कर जैसे हमने अपने अपराधी क्षमा किये। हमें परीक्षा में न ला परन्तु बुराई से बचा।’ यदि तुम लोगों के अपराधों को क्षमा करोगे तो तुम्हारा स्वर्ग-पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। किन्तु यदि तुम लोगों को क्षमा नहीं करोगे तो तुम्हारा परम-पिता भी तुम्हारे पापों के लिए क्षमा नहीं देगा। “जब तुम उपवास करो तो मुँह लटकाये कपटियों जैसे मत दिखो। क्योंकि वे तरह तरह से मुँह बनाते हैं ताकि वे लोगों को जतायें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ उन्हें तो पहले ही उनका प्रतिफल मिल चुका है। किन्तु जब तू उपवास रखे तो अपने सिर पर सुगंध मल और अपना मुँह धो। ताकि लोग यह न जानें कि तू उपवास कर रहा है। बल्कि तेरा परम-पिता जिसे तू देख नहीं सकता, देखे कि तू उपवास कर रहा है। तब तेरा परम पिता जो तेरे छिपकर किए गए सब कर्मों को देखता है, तुझे उनका प्रतिफल देगा।

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