यहोवा ने यहोशू को आदेश दिया था कि वह यपुन्ने के पुत्र कालेब को यहूदा की भूमि में से हिस्सा दे। इसलिए यहोशू ने कालेब को वह प्रदेश दिया जिसके लिये परमेश्वर ने आदेश दिया था। यहोशू ने उसे किर्यतर्बा का नगर दिया जो हेब्रोन भी कहा जाता था। (अर्बा अनाक का पिता था।) कालेब ने तीन अनाक परिवारों को हेब्रोन, जहाँ वे रह रहे थे, छोड़ने को विवश किया। वे परिवार शेशै, अहीमन और तल्मै थे। वे अनाक के परिवार के थे। कालेब दबीर में रहने वाले लोगों से लड़ा। (भूतकाल में दबीर भी किर्यत्सेपेर कहा जाता था) कालेब ने कहा, “कोई व्यक्ति जो किर्यत्सेपेर पर आक्रमण करेगा और उस नगर को हरायेगा, वही मेरी पुत्री अकसा से विवाह कर सकेगा। मैं उसे अपनी पुत्री को भेंट के रुप में दूँगा।” कालेब के भाई कनजी के पुत्र ओत्नीएल ने उस नगर को हराया। इसलिये कालेब ने अपनी पुत्री अकसा को उसे उसकी पत्नी होने के लिये प्रदान की। ओत्नीएल ने अकसा से कहा कि वह अपने पिता से कुछ अधिक भूमि माँगे। अकसा अपने पिता के पास गई। जब वह अपने गधे से उतरी तो उसके पिता ने उससे पूछा, “तुम क्या चाहती हो?” अकसा ने उत्तर दिया, “मैं आप से एक आशीर्वाद पाना चाहूँगी। मैं पानी वाली भूमि चाहती हूँ जो भूमि हमें आप ने नेगेव में दी है, वह बहुत सूखी है, इसलिए मुझे ऐसी भूमि दें जिस में पानी के सोते हों।” इसलिए कालेब ने उस भूमि के ऊपरी और निचले भाग में सोतों के साथ भूमि दी।
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