यहेजकेल 28:1-10

यहेजकेल 28:1-10 HERV

यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, “मनुष्य के पुत्र, सोर के राजा से कहो, ‘मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “‘तुम बहुत घमण्डी हो! और तुम कहते हो, “मैं परमेश्वर हूँ! मैं समुद्रों के मध्य में देवताओं के आसन पर बैठता हूँ।” “‘किन्तु तुम व्यक्ति हो, परमेश्वर नहीं! तुम केवल सोचते हो कि तुम परमेश्वर हो। तुम सोचते हो तुम दानिय्येल से बुद्धिमान हो! तुम समझते हो कि तुम सारे रहस्यों को जान लोगे! अपनी बुद्धि और अपनी समझ से। तुमने सम्पत्ति स्वयं कमाई है और तुमने कोषागार में सोना—चाँदी रखा है। अपनी तीव्र बुद्धि और व्यापार से तुमने अपनी सम्पत्ति बढ़ाई है, और अब तुम उस सम्पत्ति के कारण गर्वीले हो। “‘अत: मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: सोर, तुमने सोचा तुम परमेश्वर की तरह हो। मैं अजनबियों को तुम्हारे विरुद्ध लड़ने के लिये लाऊँगा। वे राष्ट्रों में बड़े भयंकर हैं! वे अपनी तलवारें बाहर खीचेंगे और उन सुन्दर चीजों के विरुद्ध चलाएंगे जिन्हें तुम्हारी बुद्धि ने कमाया। वे तुम्हारे गौरव को ध्वस्त करेंगे। वे तुम्हें गिराकर कब्र में पहुँचाएंगे। तुम उस मल्लाह की तरह होगे जो समुद्र में मरा। वह व्यक्ति तुमको मार डालेगा। क्या अब भी तुम कहोगे, “मैं परमेश्वर हूँ”? उस समय वह तुम्हें अपने अधिकार में करेगा। तुम समझ जाओगे कि तुम मनुष्य हो, परमेश्वर नहीं! अजनबी तुम्हारे साथ विदेशी जैसा व्यवहार करेंगे, और तुमको मार डालेंगे। ये घटनाएँ होंगी क्योंकि मेरे पास आदेश शक्ति है!’” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।

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