निर्गमन 34:1-7

निर्गमन 34:1-7 HERV

तब यहोवा ने मूसा से कहा, “दो और समतल चट्टानें ठीक वैसी ही बनाओ जैसी पहली दो थीं जो टूट गईं। मैं इन पर उन्हीं शब्दों को लिखूँगा जो पहले दोनों पर लिखे थे। कल प्रातःकाल तैयार रहना और सीनै पर्वत पर आना। वहाँ मेरे सामने पर्वत की चोटी पर खड़े रहना। किसी व्यक्ति को तुम्हारे साथ नहीं आने दिया जाएगा। पर्वत के किसी भी स्थान पर कोई भी व्यक्ति दिखाई तक नहीं पड़ना चाहिए। यहाँ तक कि तुम्हारे जानवरों के झुण्ड और भेड़ों की रेवडें भी पर्वत की तलहटी में घास नहीं चर सकेंगी।” इसलिए मूसा ने पहले पत्थरों की तरह पत्थर की दो समतल पटिट्याँ बनाईं। तब अगले सवेरे ही वह सीनै पर्वत पर गया। उसने हर एक चीज़ यहोवा के आदेश के अनुसार की। मूसा अपने साथ पत्थर की दोनों समतल पट्टियाँ ले गया। मूसा के पर्वत पर पहुँच जाने के बाद यहोवा उसके पास बादल में नीचे पर्वत पर आया। यहोवा वहाँ मूसा के साथ खड़ा रहा, और उसने यहोवा का नाम लिया। यहोवा मूसा के सामने से गुज़रा था और उसने कहा, “यहोवा दयालु और कृपालु परमेश्वर है। यहोवा जल्दी क्रोधित नहीं होता। यहोवा महान, प्रेम से भरा है। यहोवा विश्वसनीय है। यहोवा हज़ारों पीढ़ियों पर कृपा करता है। यहोवा लोगों को उन गलतियों के लिए जो वे करते हैं क्षमा करता है। किन्तु यहोवा अपराधियों को दण्ड देना नहीं भूलता। यहोवा केवल अपराधी को ही दण्ड नहीं देगा अपितु उनके बच्चों, उनके पौत्रों और प्रपौत्रों को भी उस बुरी बात के लिये कष्ट सहना होगा जो वे लोग करते हैं।”