निर्गमन 14:15-28

निर्गमन 14:15-28 HERV

तब यहोवा ने मूसा से कहा, “तुम्हें मुझको पुकारना नहीं पड़ेगा; इस्राएल के लोगों को आगे चलने का आदेश दो। अपने हाथ की लाठी को लाल सागर के ऊपर उठाओ और लाल सागर फट जाएगा। तब लोग सूखी भूमि से समुद्र को पार कर सकेंगे। मैंने मिस्रियों को साहसी बनाया है। इस प्रकार वे तुम्हारा पीछा करेंगे। किन्तु मैं दिखाऊँगा कि मैं फ़िरौन, उसके सभी घुड़सवारों और रथों से अधिक शक्तिशाली हूँ। तब मिस्री समझेंगे कि मैं यहोवा हूँ। जब मैं फ़िरौन, उसके घुड़सवारों और रथों को हराऊँगा वे तब मुझे सम्मान देंगे।” उस समय यहोवा का दूत लोगों के पीछे गया। (यहोवा का दूत प्रायः लोगों के आगे था और उन्हें ले जा रहा था)। इसलिए बादल का स्तम्भ लोगों के आगे से हट गया और उनके पीछे आ गया। इस प्रकार बादल मिस्रियों और इस्राएलियों के बीच खड़ा हुआ। इस्राएल के लोगों के लिए प्रकाश था किन्तु मिस्रियों के लिए अँधेरा। इसलिए मिस्री उस रात इस्राएलियों के अधिक निकट न आ सके। मूसा ने अपनी बाहें लाल सागर के ऊपर उठाईं। और यहोवा ने पूर्व से तेज आँधी चला दी। आँधी रात भर चलती रही। समुद्र फटा और पुरवायी हवा ने जमीन को सुखा दिया। इस्राएल के लोग सूखी जमीन पर चलकर समुद्र के पार गए। उनकी दायीं और बाईं ओर पानी दीवार की तरह खड़ा था। तब फ़िरौन के सभी रथों और घुड़सवारों ने समुद्र में उनका पीछा किया। बहुत सवेरे ही यहोवा ने लम्बे बादल और आग के स्तम्भ पर से मिस्र की सेना को देखा और यहोवा ने उन पर हमला किया और उन्हें हरा दिया। रथों के पहिए धंस गए। रथों का नियन्त्रण कठिन हो गया। मिस्री चिल्लाए, “हम लोग यहाँ से निकल चलें। यहोवा हम लोगों के विरुद्ध लड़ रहा है। यहोवा इस्राएल के लोगों के लिए लड़ रहा है।” तब यहोवा ने मूसा से कहा, “अपने हाथ को समुद्र के ऊपर उठाओ। फिर पानी गिरेगा तथा मिस्री रथों और घुड़सवारों को डूबो देगा।” इसलिए ठीक दिन निकलने से पहले मूसा ने अपना हाथ समुद्र के ऊपर उठाया और पानी अपने उचित तल पर वापस पहुँच गया। मिस्री भागने का प्रयत्न कर रहे थे। किन्तु यहोवा ने मिस्रियों को समुद्र में बहा कर डूबो दिया। पानी अपने उचित तल तक लौटा और उसने रथों तथा घुड़सवारों को ढक लिया। फ़िरौन की पूरी सेना जो इस्राएली लोगों का पीछा कर रही थी, डूबकर नष्ट हो गई। उनमें से कोई भी न बचा!

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