सभोपदेशक 3:1-8

सभोपदेशक 3:1-8 HERV

हर बात का एक उचित समय होता है। और इस धरती पर हर बात एक उचित समय पर ही घटित होगी। जन्म लेने का एक उचित समय निश्चित है, और मृत्यु का भी। एक समय होता है पेड़ों के रोपने का, और उनको उखाड़ने का। घात करने का होता है एक समय, और एक समय होता है उसके उपचार का। एक समय होता है जब ढहा दिया जाता, और एक समय होता है करने का निर्माण। एक समय होता है रोने—विलाप करने का, और एक समय होता है करने का अट्टाहस। एक समय होता है होने का दुःख मग्न, और एक समय होता है उल्लास भरे नाचका। एक समय होता है जब हटाए जाते हैं पत्थर, और एक समय होता है उनके एकत्र करने का। एक समय होता है बाध आलिंगन में किसी के स्वागत का, और एक समय होता है, जब स्वागत उन्हीं का किया नहीं जाता है। एक समय होता है जब होती है किसी की खोज, और आता है एक समय जब खोज रूक जाती है। एक समय होता है वस्तुओं के रखने का, और एक समय होता है दूर फेंकने का चीज़ों को। होता है एक समय वस्त्रों को फाड़ने का, फिर एक समय होता जब उन्हें सिया जाता है। एक समय होता है साधने का चुप्पी, और होता है एक समय फिर बोल उठने का। एक समय होता है प्यार को करने का, और एक समय होता जब घृणा करी जाती है। एक समय होता है करने का लड़ाई, और होता है एक समय मेल का मिलाप का।

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