व्यवस्था विवरण 13:1-5

व्यवस्था विवरण 13:1-5 HERV

“कोई नबी या स्वप्न फल ज्ञाता तुम्हारे पास आ सकता है। वह यह कह सकता है कि वह कोई दैवी चिन्ह या आश्चर्यकर्म दिखाएगा। वह दैवी चिन्ह या आश्चर्यकर्म, जिसके बारे में उसने तुम्हें बताया है, वह सही हो सकता है। तब वह तुमसे कह सकता है कि तुम उन देवताओं का अनुसरण करो (जिन्हें तुम नहीं जानते।) वह तुमसे कह सकता है, ‘आओ हम उन देवताओं की सेवा करें!’ उस व्यक्ति की बातों पर ध्यान मत दो। क्यों? क्योंकि यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारी परीक्षा ले रहा है। वह यह जानना चाहता है कि तुम पूरे हृदय और आत्मा से उस से प्रेम करते हो अथवा नहीं। तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर का अनुसरण करना चाहिए। तुम्हें उसका सम्मान करना चाहिए। यहोवा के आदेशों का पालन करो और वह करो जो वह कहता है। यहोवा की सेवा करो और उसे कभी न छोड़ो! वह नबी या स्वप्न फल ज्ञाता मार दिया जाना चाहिए। क्यों? क्योंकि वह ही है जो तुमसे यहोवा तुम्हारे परमेश्वर की आज्ञा मानने से रोक रहा है। यहोवा एक ही है जो तुमको मिस्र से बाहर लाया। उसने तुमको वहाँ की दासता के जीवन से स्वतन्त्र किया। वह व्यक्ति यह कोशिश कर रहा है कि तुम यहोवा अपने परमेश्वर के आदेश के अनुसार जीवन मत बिताओ। इसलिए अपने लोगों से बुराई को दूर करने के लिए उस व्यक्ति को अवश्य मार डालना चाहिए।