दानिय्येल 8:8-25

दानिय्येल 8:8-25 HERV

सो वह बकरा शक्तिशाली बन बैठा। किन्तु जब वह शक्तिशाली बना, उसका बड़ा सींग टूट गया और फिर उस बड़े सींग की जगह चार सींग और निकल आये। वे चारों सींग आसानी से दिखाई पड़ते थे। वे चार सीग अलग—अलग चारों दिशाओं की ओर मुड़े हुए थे। फिर उन चार सींगों में से एक सींग में एक छोटा सींग और निकल आया। वह छोटा सींग बढ़ने लगा और बढ़ते—बढ़ते बहुत बड़ा हो गया। यह सींग दक्षिण—पूर्व की ओर बढ़ा। यह सींग सुन्दर धरती की ओर बढ़ा। वह छोटा सींग बढ़ कर बहुत बड़ा हो गया। उसने बढ़ते बढ़ते आकाश छू लिया। उस छोटे सींग ने, यहाँ तक कि कुछ तारों को भी धरती पर पटक दिया और उन सभी तारों को पैरों तले मसल दिया। वह छोटा सींग बहुत मज़बूत हो गया और फिर वह तारों के शासक (परमेश्वर) के विरूद्ध हो गया। उस छोटे सींग ने उस शासक (परमेश्वर) को अर्पित की जाने वाली दैनिक बलियों को रोक दिया। वह स्थान जहाँ लोग उस शासक (परमेश्वर) की उपासना किया करते थे, उसने उसे उजाड़ दिया और उनकी सेना को भी हरा दिया और एक विद्रोही कार्य के रूप में वह छोटा सींग दैनिक बलियों के ऊपर अपने आपको स्थापित कर दिया। उसने सत्य को धरती पर दे पटक दिया। उस छोटो सींग ने जो कुछ किया उस सब में सफल हो गया। फिर मैंने किसी पवित्र जन को बोलते सुना और उसके बाद मैंने सुना कि कोई दूसरा पवित्र जन उस पहले पवित्र जन को उत्तर दे रहा है। पहले पवित्र जन ने कहा, “यह दर्शन दर्शाता है कि दैनिक बलियों का क्या होगा यह उस भयानक पाप के विषय में है जो विनाश कर डालता है। यह दर्शाता है कि जब लोग उस शासक के पूजास्थल को तोड़ डालेंगे तब क्या होगा यह दर्शन दर्शाता है कि जब लोग उस समूचे स्थान को पैर तले रौंदेंगे तब क्या होगा। यह दर्शन दर्शाता है कि जब लोग तारों के ऊपर पैर धरेंगे तब क्या होगा किन्तु यह बातें कब तक होती रहेंगी” दूसरे पवित्र जन ने कहा, “दो हजार तीन सौ दिन तक ऐसा ही होता रहेगा और फिर उसके बाद पवित्र स्थान को फिर से स्थापित कर दिया जायेगा।” मैं, दानिय्येल ने यह दर्शन देखा था, और यह प्रयत्न किया कि उसका अर्थ समझ लूँ। अभी मैं इस दर्शन के बारे में सोच ही रहा था कि मनुष्य के जैसा दिखने वाला कोई अचानक आ कर मेरे सामने खड़ा हो गया। इसके बाद मैंने किसी पुरूष की वाणी सुनी। यह वाणी ऊलै नदी के ऊपर से आ रही थी। उस आवाज़ ने कहा, “जिब्राएल, इस व्यक्ति को इसके दर्शन का अर्थ समझा दो।” सो जिब्राएल जो किसी मनुष्य के समान दिख रहा था, जहाँ मै खड़ा था, वहाँ आ गया। वह जब मेरे पास आया तो मैं बहुत डर गया। मैं धरती पर गिर पड़ा। किन्तु जिब्राएल ने मुझसे कहा, “अरे मनुष्य, समझ ले कि यह दर्शन अंत समय के लिये है।” अभी जिब्राएल बोल ही रहा था कि मुझे नींद आ गयी। नींद बहुत गहरी थी। मेंरा मुख धरती की ओर था। फिर जिब्राएल ने मुझे छुआ और मुझे मेरे पैरों पर खड़ा कर दिया। जिब्राएल ने कहा, “देख, मैं तुझे अब उस दर्शन को समझाता हूँ। मैं तुझे बताऊँगा कि परमेश्वर के क्रोध के समय के बाद में क्या कुछ घटेगा। “तूने दो सींगों वाला मेढ़ा देखा था। वे दो सींग हैं मादी और फारस के दो देश। वह बकरा यूनान का राजा है। उसकी दोनों आखों के बीच का बड़ा सींग वह पहला राजा है। वह सींग टूट गया और उसके स्थान पर चार सींग निकल आये। वे चार सींग चार राज्य हैं। वे चार राज्य, उस पहले राजा के राष्ट्र से प्रकट होंगे किन्तु वे चारों राज्य उस पहले राजा से मज़बूत नहीं होंगे। “जब उन राज्यों का अंत निकट होगा, तब वहाँ एक बहुत साहसी और क्रूर राजा होगा। यह राजा बहुत मक्कार होगा। ऐसा उस समय घटेगा जब पापियों की संख्या बढ़ जायेगी। यह राजा बहुत शक्तिशाली होगा किन्तु उसकी शक्ति उसकी अपनी नहीं होगी। यह राजा भयानक तबाही मचा देगा। वह जो कुछ करेगा उसमें उसे सफलता मिलेगी। वह शक्तिशाली लोगों—यहाँ तक कि परमेश्वर के पवित्र लोगों को भी नष्ट कर देगा। “यह राजा बहुत चुस्त और मक्कर होगा। वह अपनी कपट और झूठों के बल पर सफलता पायेगा। वह अपने आप को सबसे बड़ा समझेगा। लोगों को वह बिना किसी पूर्व चेतावनी के नष्ट करवा देगा। यहाँ तक कि वह राजाओं के राजा (परमेश्वर) से भी युद्ध का जतन करेगा किन्तु उस क्रूर राजा की शक्ति का अंत कर दिया जायेगा और उसका अंत किसी मनुष्य के हाथों नहीं होगा।