भजन संहिता 84:1-2
भजन संहिता 84:1-2 IRVHIN
हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं! मेरा प्राण यहोवा के आँगनों की अभिलाषा करते-करते मूर्छित हो चला; मेरा तन मन दोनों जीविते परमेश्वर को पुकार रहे।
हे सेनाओं के यहोवा, तेरे निवास क्या ही प्रिय हैं! मेरा प्राण यहोवा के आँगनों की अभिलाषा करते-करते मूर्छित हो चला; मेरा तन मन दोनों जीविते परमेश्वर को पुकार रहे।