यहोवा का वचन, जो यहूदा के राजा योताम, आहाज और हिजकिय्याह के दिनों में मोरेशेतवासी मीका को पहुँचा, जिसको उसने सामरिया और यरूशलेम के विषय में पाया। हे जाति-जाति के सब लोगों, सुनो! हे पृथ्वी तू उस सब समेत जो तुझ में है, ध्यान दे! और प्रभु यहोवा तुम्हारे विरुद्ध, वरन् परमेश्वर अपने पवित्र मन्दिर में से तुम पर साक्षी दे। क्योंकि देख, यहोवा अपने पवित्रस्थान से बाहर निकल रहा है, और वह उतरकर पृथ्वी के ऊँचे स्थानों पर चलेगा। पहाड़ उसके नीचे गल जाएँगे, और तराई ऐसे फटेंगी, जैसे मोम आग की आँच से, और पानी जो घाट से नीचे बहता है। यह सब याकूब के अपराध, और इस्राएल के घराने के पाप के कारण से होता है। याकूब का अपराध क्या है? क्या सामरिया नहीं? और यहूदा के ऊँचे स्थान क्या हैं? क्या यरूशलेम नहीं? इस कारण मैं सामरिया को मैदान के खेत का ढेर कर दूँगा, और दाख का बगीचा बनाऊँगा; और मैं उसके पत्थरों को खड्ड में लुढ़का दूँगा, और उसकी नींव उखाड़ दूँगा। उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े-टुकड़े की जाएँगी; और जो कुछ उसने छिनाला करके कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूँगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उसने उसको इकट्ठा किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी। इस कारण मैं छाती पीटकर हाय-हाय, करूँगा; मैं लुटा हुआ सा और नंगा चला फिरा करूँगा; मैं गीदड़ों के समान चिल्लाऊँगा, और शुतुर्मुर्गों के समान रोऊँगा। क्योंकि उसका घाव असाध्य है; और विपत्ति यहूदा पर भी आ पड़ी, वरन् वह मेरे जातिभाइयों पर पड़कर यरूशलेम के फाटक तक पहुँच गई है।
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