लूका 3:23-38

लूका 3:23-38 IRVHIN

जब यीशु आप उपदेश करने लगा, तो लगभग तीस वर्ष की आयु का था और (जैसा समझा जाता था) यूसुफ का पुत्र था; और वह एली का, और वह मत्तात का, और वह लेवी का, और वह मलकी का, और वह यन्ना का, और वह यूसुफ का, और वह मत्तित्याह का, और वह आमोस का, और वह नहूम का, और वह असल्याह का, और वह नग्‍गई का, और वह मात का, और वह मत्तित्याह का, और वह शिमी का, और वह योसेख का, और वह योदाह का, और वह यूहन्ना का, और वह रेसा का, और वह जरुब्बाबेल का, और वह शालतीएल का, और वह नेरी का, (एज्रा 3:2, नहे. 12:1) और वह मलकी का, और वह अद्दी का, और वह कोसाम का, और वह एल्‍मदाम का, और वह एर का, और वह येशू का, और वह एलीएजेर का, और वह योरीम का, और वह मत्तात का, और वह लेवी का, और वह शमौन का, और वह यहूदा का, और वह यूसुफ का, और वह योनान का, और वह एलयाकीम का, और वह मलेआह का, और वह मिन्नाह का, और वह मत्तता का, और वह नातान का, और वह दाऊद का, (2 शमू. 5:14) और वह यिशै का, और वह ओबेद का, और वह बोअज का, और वह सलमोन का, और वह नहशोन का, (रूत 4:20-22) और वह अम्मीनादाब का, और वह अरनी का, और वह हेस्रोन का, और वह पेरेस का, और वह यहूदा का, (1 इति. 2:1-14) और वह याकूब का, और वह इसहाक का, और वह अब्राहम का, और वह तेरह का, और वह नाहोर का, (उत्प. 21:3, उत्प. 25:26, 1 इति. 1:28,34) और वह सरूग का, और वह रऊ का, और वह पेलेग का, और वह एबेर का, और वह शिलह का, और वह केनान का, वह अरफक्षद का, और वह शेम का, वह नूह का, वह लेमेक का, (उत्प. 11:10-26, 1 इति. 1:24-27) और वह मथूशिलह का, और वह हनोक का, और वह यिरिद का, और वह महललेल का, और वह केनान का, और वह एनोश का, और वह शेत का, और वह आदम का, और वह परमेश्वर का पुत्र था। (उत्प. 4:25-5:32)