लूका 1:25-45

लूका 1:25-45 IRVHIN

“मनुष्यों में मेरा अपमान दूर करने के लिये प्रभु ने इन दिनों में कृपादृष्टि करके मेरे लिये ऐसा किया है।” (उत्प. 30:23) छठवें महीने में परमेश्वर की ओर से गब्रिएल स्वर्गदूत गलील के नासरत नगर में, एक कुँवारी के पास भेजा गया। जिसकी मंगनी यूसुफ नाम दाऊद के घराने के एक पुरुष से हुई थी: उस कुँवारी का नाम मरियम था। और स्वर्गदूत ने उसके पास भीतर आकर कहा, “आनन्द और जय तेरी हो, जिस पर परमेश्वर का अनुग्रह हुआ है! प्रभु तेरे साथ है!” वह उस वचन से बहुत घबरा गई, और सोचने लगी कि यह किस प्रकार का अभिवादन है? स्वर्गदूत ने उससे कहा, “हे मरियम; भयभीत न हो, क्योंकि परमेश्वर का अनुग्रह तुझ पर हुआ है। और देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। (यशा. 7:14) वह महान होगा; और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा। (भज. 132:11, यशा. 9:6-7) और वह याकूब के घराने पर सदा राज्य करेगा; और उसके राज्य का अन्त न होगा।” (2 शमू. 7:12,16, इब्रा. 1:8, दानि. 2:44) मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह कैसे होगा? मैं तो पुरुष को जानती ही नहीं।” स्वर्गदूत ने उसको उत्तर दिया, “पवित्र आत्मा तुझ पर उतरेगा, और परमप्रधान की सामर्थ्य तुझ पर छाया करेगी; इसलिए वह पवित्र जो उत्पन्न होनेवाला है, परमेश्वर का पुत्र कहलाएगा। और देख, और तेरी कुटुम्बिनी एलीशिबा के भी बुढ़ापे में पुत्र होनेवाला है, यह उसका, जो बाँझ कहलाती थी छठवाँ महीना है। परमेश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं है।” (मत्ती 19:26, यिर्म. 32:27) मरियम ने कहा, “देख, मैं प्रभु की दासी हूँ, तेरे वचन के अनुसार मेरे साथ ऐसा हो।” तब स्वर्गदूत उसके पास से चला गया। उन दिनों में मरियम उठकर शीघ्र ही पहाड़ी देश में यहूदा के एक नगर को गई। और जकर्याह के घर में जाकर एलीशिबा को नमस्कार किया। जैसे ही एलीशिबा ने मरियम का नमस्कार सुना, वैसे ही बच्चा उसके पेट में उछला, और एलीशिबा पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गई। और उसने बड़े शब्द से पुकारकर कहा, “तू स्त्रियों में धन्य है, और तेरे पेट का फल धन्य है! और यह अनुग्रह मुझे कहाँ से हुआ, कि मेरे प्रभु की माता मेरे पास आई? और देख जैसे ही तेरे नमस्कार का शब्द मेरे कानों में पड़ा वैसे ही बच्चा मेरे पेट में आनन्द से उछल पड़ा। और धन्य है, वह जिसने विश्वास किया कि जो बातें प्रभु की ओर से उससे कही गई, वे पूरी होंगी।”