लैव्यव्यवस्था 12

12
प्रसूता के शुद्धिकरण के नियम
1फिर यहोवा ने मूसा से कहा, 2“इस्राएलियों से कह: जो स्त्री गर्भवती हो और उसके लड़का हो, तो वह सात दिन तक अशुद्ध रहेगी; जिस प्रकार वह ऋतुमती होकर अशुद्ध रहा करती। 3और आठवें दिन लड़के का खतना किया जाए। (लूका 1:59, लूका 2:21, यूह. 7:22, प्रेरि. 15:1) 4फिर वह स्त्री अपने शुद्ध करनेवाले रूधिर में तैंतीस दिन रहे; और जब तक उसके शुद्ध हो जाने के दिन#12:4 शुद्ध हो जाने के दिन: लैव्य विधान विशेष करके माता को अशुद्ध ठहराता था, सन्तान को किसी भी रूप में नहीं। पूरे न हों तब तक वह न तो किसी पवित्र वस्तु को छूए, और न पवित्रस्थान में प्रवेश करे। 5और यदि उसके लड़की पैदा हो, तो उसको ऋतुमती की सी अशुद्धता चौदह दिन की लगे; और फिर छियासठ दिन तक अपने शुद्ध करनेवाले रूधिर में रहे।
6“जब उसके शुद्ध हो जाने के दिन पूरे हों, तब चाहे उसके बेटा हुआ हो चाहे बेटी, वह होमबलि के लिये एक वर्ष का#12:6 एक वर्ष का: अर्थात् एक वर्ष से अधिक नहीं जबकि “एक वर्ष” का बालक वह था जिसका एक वर्ष पूरा हुआ हो। भेड़ का बच्चा, और पापबलि के लिये कबूतरी का एक बच्चा या पिण्डुकी मिलापवाले तम्बू के द्वार पर याजक के पास लाए। (लूका 2:22) 7तब याजक उसको यहोवा के सामने भेंट चढ़ाकर उसके लिये प्रायश्चित करे; और वह अपने रूधिर के बहने की अशुद्धता से छूटकर शुद्ध ठहरेगी। जिस स्त्री के लड़का या लड़की उत्पन्न हो उसके लिये यही व्यवस्था है। 8और यदि उसके पास भेड़ या बकरी देने की पूँजी न हो, तो दो पिण्डुकी या कबूतरी के दो बच्चे, एक तो होमबलि और दूसरा पापबलि के लिये दे; और याजक उसके लिये प्रायश्चित करे, तब वह शुद्ध ठहरेगी।” (लूका 2:24)

वर्तमान में चयनित:

लैव्यव्यवस्था 12: IRVHin

हाइलाइट

शेयर

कॉपी

None

Want to have your highlights saved across all your devices? Sign up or sign in