यशायाह 42:1-9

यशायाह 42:1-9 IRVHIN

मेरे दास को देखो जिसे मैं सम्भाले हूँ, मेरे चुने हुए को, जिससे मेरा जी प्रसन्न है; मैंने उस पर अपना आत्मा रखा है, वह जाति-जाति के लिये न्याय प्रगट करेगा। (मत्ती 3:17, लूका 9:35, 2 पत. 1:17) न वह चिल्लाएगा और न ऊँचे शब्द से बोलेगा, न सड़क में अपनी वाणी सुनाएगा। कुचले हुए नरकट को वह न तोड़ेगा और न टिमटिमाती बत्ती को बुझाएगा; वह सच्चाई से न्याय चुकाएगा। वह न थकेगा और न हियाव छोड़ेगा जब तक वह न्याय को पृथ्वी पर स्थिर न करे; और द्वीपों के लोग उसकी व्यवस्था की बाट जोहेंगे। परमेश्वर जो आकाश का सृजने और ताननेवाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलानेवाला और उस पर के लोगों को साँस और उस पर के चलनेवालों को आत्मा देनेवाला यहोवा है, वह यह कहता है: “मुझ यहोवा ने तुझको धार्मिकता से बुला लिया है, मैं तेरा हाथ थाम कर तेरी रक्षा करूँगा; मैं तुझे प्रजा के लिये वाचा और जातियों के लिये प्रकाश ठहराऊँगा; (लूका 2:32, प्रेरि. 13:47) कि तू अंधों की आँखें खोले, बन्दियों को बन्दीगृह से निकाले और जो अंधियारे में बैठे हैं उनको कालकोठरी से निकाले। (यशा. 61:1, प्रेरि. 26:18) मैं यहोवा हूँ, मेरा नाम यही है; अपनी महिमा मैं दूसरे को न दूँगा और जो स्तुति मेरे योग्य है वह खुदी हुई मूरतों को न दूँगा। देखो, पहली बातें तो हो चुकी है, अब मैं नई बातें बताता हूँ; उनके होने से पहले मैं तुम को सुनाता हूँ।”

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