एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है। एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास, एक ही बपतिस्मा, और सब का एक ही परमेश्वर और पिता है, जो सब के ऊपर और सब के मध्य में, और सब में है।
पर हम में से हर एक को मसीह के दान के परिमाण से अनुग्रह मिला है। इसलिए वह कहता है,
“वह ऊँचे पर चढ़ा,
और बन्दियों को बाँध ले गया,
और मनुष्यों को दान दिए।”
(उसके चढ़ने से, और क्या अर्थ पाया जाता है केवल यह कि वह पृथ्वी की निचली जगहों में उतरा भी था। (इब्रा. 2:9, यूह. 3:13) और जो उतर गया यह वही है जो सारे आकाश के ऊपर चढ़ भी गया कि सब कुछ परिपूर्ण करे।) और उसने कुछ को प्रेरित नियुक्त करके, और कुछ को भविष्यद्वक्ता नियुक्त करके, और कुछ को सुसमाचार सुनानेवाले नियुक्त करके, और कुछ को रखवाले और उपदेशक नियुक्त करके दे दिया। (2 कुरि. 12:28,29) जिससे पवित्र लोग सिद्ध हो जाएँ और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। जब तक कि हम सब के सब विश्वास, और परमेश्वर के पुत्र की पहचान में एक न हो जाएँ, और एक सिद्ध मनुष्य न बन जाएँ और मसीह के पूरे डील-डौल तक न बढ़ जाएँ। ताकि हम आगे को बालक न रहें, जो मनुष्यों की ठग-विद्या और चतुराई से उनके भ्रम की युक्तियों की, और उपदेश की, हर एक वायु से उछाले, और इधर-उधर घुमाए जाते हों। वरन् प्रेम में सच बोलें और सब बातों में उसमें जो सिर है, अर्थात् मसीह में बढ़ते जाएँ, जिससे सारी देह हर एक जोड़ की सहायता से एक साथ मिलकर, और एक साथ गठकर, उस प्रभाव के अनुसार जो हर एक अंग के ठीक-ठीक कार्य करने के द्वारा उसमें होता है, अपने आपको बढ़ाती है कि वह प्रेम में उन्नति करती जाए।