दानिय्येल 2:24-30

दानिय्येल 2:24-30 IRVHIN

तब दानिय्येल ने अर्योक के पास, जिसे राजा ने बाबेल के पंडितों के नाश करने के लिये ठहराया था, भीतर जाकर कहा, “बाबेल के पंडितों का नाश न कर, मुझे राजा के सम्मुख भीतर ले चल, मैं अर्थ बताऊँगा।” तब अर्योक ने दानिय्येल को राजा के सम्मुख शीघ्र भीतर ले जाकर उससे कहा, “यहूदी बंधुओं में से एक पुरुष मुझ को मिला है, जो राजा को स्वप्न का अर्थ बताएगा।” राजा ने दानिय्येल से, जिसका नाम बेलतशस्सर भी था, पूछा, “क्या तुझ में इतनी शक्ति है कि जो स्वप्न मैंने देखा है, उसे अर्थ समेत मुझे बताए?” दानिय्येल ने राजा को उत्तर दिया, “जो भेद राजा पूछता है, वह न तो पंडित, न तांत्रिक, न ज्योतिषी, न दूसरे भावी बतानेवाले राजा को बता सकते हैं, परन्तु भेदों का प्रगट करनेवाला परमेश्वर स्वर्ग में है; और उसी ने नबूकदनेस्सर राजा को जताया है कि अन्त के दिनों में क्या-क्या होनेवाला है। तेरा स्वप्न और जो कुछ तूने पलंग पर पड़े हुए देखा, वह यह है: (उत्प. 40:8) हे राजा, जब तुझको पलंग पर यह विचार आया कि भविष्य में क्या-क्या होनेवाला है, तब भेदों को खोलनेवाले ने तुझको बताया, कि क्या-क्या होनेवाला है। (आमो. 4:13) मुझ पर यह भेद इस कारण नहीं खोला गया कि मैं अन्य सब प्राणियों से अधिक बुद्धिमान हूँ, परन्तु केवल इसी कारण खोला गया है कि स्वप्न का अर्थ राजा को बताया जाए, और तू अपने मन के विचार समझ सके।