1 थिस्सलुनीकियों 2:1-9

1 थिस्सलुनीकियों 2:1-9 IRVHIN

हे भाइयों, तुम आप ही जानते हो कि हमारा तुम्हारे पास आना व्यर्थ न हुआ। वरन् तुम आप ही जानते हो, कि पहले फिलिप्पी में दुःख उठाने और उपद्रव सहने पर भी हमारे परमेश्वर ने हमें ऐसा साहस दिया, कि हम परमेश्वर का सुसमाचार भारी विरोधों के होते हुए भी तुम्हें सुनाएँ। क्योंकि हमारा उपदेश न भ्रम से है और न अशुद्धता से, और न छल के साथ है। पर जैसा परमेश्वर ने हमें योग्य ठहराकर सुसमाचार सौंपा, हम वैसा ही वर्णन करते हैं; और इसमें मनुष्यों को नहीं, परन्तु परमेश्वर को, जो हमारे मनों को जाँचता है, प्रसन्न करते हैं। (तीतु. 1:3, इफि. 6:6) क्योंकि तुम जानते हो, कि हम न तो कभी चापलूसी की बातें किया करते थे, और न लोभ के लिये बहाना करते थे, परमेश्वर गवाह है। और यद्यपि हम मसीह के प्रेरित होने के कारण तुम पर बोझ डाल सकते थे, फिर भी हम मनुष्यों से आदर नहीं चाहते थे, और न तुम से, न और किसी से। परन्तु जिस तरह माता अपने बालकों का पालन-पोषण करती है, वैसे ही हमने भी तुम्हारे बीच में रहकर कोमलता दिखाई है। और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर का सुसमाचार, पर अपना-अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिए कि तुम हमारे प्यारे हो गए थे। क्योंकि, हे भाइयों, तुम हमारे परिश्रम और कष्ट को स्मरण रखते हो, कि हमने इसलिए रात दिन काम धन्धा करते हुए तुम में परमेश्वर का सुसमाचार प्रचार किया, कि तुम में से किसी पर भार न हों।