श्रेष्ठगीत 3:2
श्रेष्ठगीत 3:2 HINOVBSI
मैं ने कहा, “मैं अब उठकर नगर में, और सड़कों और चौकों में घूमकर अपने प्राणप्रिय को ढूँढ़ूँगी।” मैं उसे ढूँढ़ती तो रही, परन्तु उसे न पाया।
मैं ने कहा, “मैं अब उठकर नगर में, और सड़कों और चौकों में घूमकर अपने प्राणप्रिय को ढूँढ़ूँगी।” मैं उसे ढूँढ़ती तो रही, परन्तु उसे न पाया।