रोमियों 4:18-25

रोमियों 4:18-25 HINOVBSI

उसने निराशा में भी आशा रखकर विश्‍वास किया, इसलिये कि उस वचन के अनुसार कि “तेरा वंश ऐसा होगा,” वह बहुत सी जातियों का पिता हो। वह जो एक सौ वर्ष का था, अपने मरे हुए से शरीर और सारा के गर्भ की मरी हुई की सी दशा जानकर भी विश्‍वास में निर्बल न हुआ, और न अविश्‍वासी होकर परमेश्‍वर की प्रतिज्ञा पर संदेह किया, पर विश्‍वास में दृढ़ होकर परमेश्‍वर की महिमा की; और निश्‍चय जाना कि जिस बात की उसने प्रतिज्ञा की है, वह उसे पूरा करने में भी समर्थ है। इस कारण यह उसके लिये धार्मिकता गिना गया। और यह वचन, “विश्‍वास उसके लिये धार्मिकता गिना गया,” न केवल उसी के लिये लिखा गया, वरन् हमारे लिये भी जिनके लिए विश्‍वास धार्मिकता गिना जाएगा, अर्थात् हमारे लिये जो उस पर विश्‍वास करते हैं जिसने हमारे प्रभु यीशु को मरे हुओं में से जिलाया। वह हमारे अपराधों के लिये पकड़वाया गया, और हमारे धर्मी ठहरने के लिये जिलाया भी गया।

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