प्रकाशितवाक्य 3:14-20

प्रकाशितवाक्य 3:14-20 HINOVBSI

“लौदीकिया की कलीसिया के दूत को यह लिख : “जो आमीन और विश्‍वासयोग्य और सच्‍चा गवाह है, और परमेश्‍वर की सृष्‍टि का मूल कारण है, वह यह कहता है कि मैं तेरे कामों को जानता हूँ कि तू न तो ठंडा है और न गर्म : भला होता कि तू ठंडा या गर्म होता। इसलिये कि तू गुनगुना है, और न ठंडा है और न गर्म, मैं तुझे अपने मुँह में से उगलने पर हूँ। तू कहता है कि मैं धनी हूँ और धनवान हो गया हूँ और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं; और यह नहीं जानता कि तू अभागा और तुच्छ और कंगाल और अंधा और नंगा है। इसी लिये मैं तुझे सम्मति देता हूँ कि आग में ताया हुआ सोना मुझ से मोल ले कि तू धनी हो जाए, और श्‍वेत वस्त्र ले ले कि पहिनकर तुझे अपने नंगेपन की लज्जा न हो, और अपनी आँखों में लगाने के लिये सुर्मा ले कि तू देखने लगे। मैं जिन जिन से प्रेम करता हूँ, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूँ; इसलिये सरगर्म हो और मन फिरा। देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूँ; यदि कोई मेरा शब्द सुनकर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आकर उसके साथ भोजन करूँगा और वह मेरे साथ।