इसके बाद मैं ने एक स्वर्गदूत को स्वर्ग से उतरते देखा, जिसे बड़ा अधिकार प्राप्त था; और पृथ्वी उसके तेज से चमक उठी। उसने ऊँचे शब्द से पुकारकर कहा,
“गिर गया, बड़ा बेबीलोन गिर गया है!
वह दुष्टात्माओं का निवास,
और हर एक अशुद्ध आत्मा का अड्डा,
और हर एक अशुद्ध और घृणित पक्षी का अड्डा हो गया।
क्योंकि उसके व्यभिचार की भयानक मदिरा
के कारण सब जातियाँ गिर गई हैं,
और पृथ्वी के राजाओं ने उसके साथ
व्यभिचार किया है,
और पृथ्वी के व्यापारी उसके सुख–विलास
की बहुतायत के कारण धनवान हुए हैं।”
फिर मैं ने स्वर्ग से एक और शब्द सुना,
“हे मेरे लोगो, उस में से निकल आओ
कि तुम उसके पापों में भागी न हो,
और उसकी विपत्तियों में से कोई तुम पर आ
न पड़े।
क्योंकि उसके पापों का ढेर स्वर्ग तक पहुँच
गया है,
और उसके अधर्म परमेश्वर को स्मरण
आए हैं।
जैसा उसने तुम्हें दिया है वैसा ही उसको
दो,
और उसके कामों के अनुसार उसे दो
गुणा बदला दो;
जिस कटोरे में उसने भर दिया था उसी में
उसके लिये दो गुणा भर दो।
जितनी उसने अपनी बड़ाई की और सुख–
विलास किया,
उतनी उसको पीड़ा और शोक दो;
क्योंकि वह अपने मन में कहती है, ‘मैं
रानी हो बैठी हूँ, विधवा नहीं; और
शोक में कभी न पड़ूँगी।’
इस कारण एक ही दिन में उस पर विपत्तियाँ
आ पड़ेंगी,
अर्थात् मृत्यु, और शोक, और अकाल;
और वह आग में भस्म कर दी जाएगी,
क्योंकि उसका न्यायी प्रभु परमेश्वर
शक्तिमान है।
“पृथ्वी के राजा जिन्होंने उसके साथ व्यभिचार और सुख–विलास किया, जब उसके जलने का धुआँ देखेंगे, तो उसके लिये रोएँगे और छाती पीटेंगे। उसकी पीड़ा के डर के मारे वे बड़ी दूर खड़े होकर कहेंगे,
‘हे बड़े नगर, बेबीलोन! हे दृढ़ नगर, हाय!
हाय!
घड़ी भर में ही तुझे दण्ड मिल गया है।’
“पृथ्वी के व्यापारी उसके लिये रोएँगे और कलपेंगे, क्योंकि अब कोई उनका माल मोल न लेगा; अर्थात् सोना, चाँदी, रत्न, मोती, और मलमल, और बैंजनी, रेशमी, और लाल रंग के कपड़े, और हर प्रकार का सुगन्धित काठ, और हाथीदाँत की हर प्रकार की वस्तुएँ, और बहुमूल्य काठ और पीतल और लोहे और संगमरमर की सब भाँति की वस्तुएँ, और दालचीनी, मसाले, धूप, इत्र, लोबान, मदिरा, तेल, मैदा, गेहूँ, गाय–बैल, भेड़–बकरियाँ, घोड़े, रथ, और दास, और मनुष्यों के प्राण। अब तेरे मन भावने फल तेरे पास से जाते रहे, और स्वादिष्ट और भड़कीली वस्तुएँ तुझ से दूर हुई हैं, और वे फिर कदापि न मिलेंगी। इन वस्तुओं के व्यापारी जो उसके द्वारा धनवान हो गए थे, उसकी पीड़ा के डर के मारे दूर खड़े होंगे, और रोते और कलपते हुए कहेंगे,
‘हाय! हाय! यह बड़ा नगर
जो मलमल, और बैंजनी और लाल
रंग के कपड़े पहिने था,
और सोने और रत्नों और मोतियों से सजा
था;
घड़ी भर में ही उसका ऐसा भारी धन नष्ट
हो गया।’
हर एक माझी और यात्री और मल्लाह, और जितने समुद्र से कमाते हैं, सब दूर खड़े हुए, और उसके जलने का धुआँ देखते हुए पुकारकर कहेंगे,
‘कौन सा नगर इस बड़े नगर के समान है?’ और अपने अपने सिरों पर धूल डालेंगे, और रोते हुए और कलपते हुए चिल्ला चिल्लाकर कहेंगे,
‘हाय! हाय! यह बड़ा नगर
जिसकी सम्पत्ति के द्वारा समुद्र के सब
जहाजवाले धनी हो गए थे,
घड़ी भर में ही उजड़ गया।’
हे स्वर्ग, और हे पवित्र लोगो,
और प्रेरितो, और भविष्यद्वक्ताओ, उस
पर आनन्द करो,
क्योंकि परमेश्वर ने न्याय करके उससे
तुम्हारा बदला लिया है!”