प्रकाशितवाक्य 15:1-3

प्रकाशितवाक्य 15:1-3 HINOVBSI

फिर मैं ने स्वर्ग में एक और बड़ा और अद्भुत चिह्न देखा, अर्थात् सात स्वर्गदूत जिनके पास सातों अन्तिम विपत्तियाँ थीं, क्योंकि उनके समाप्‍त हो जाने पर परमेश्‍वर के प्रकोप का अन्त है। तब मैं ने आग मिले हुए काँच का सा एक समुद्र देखा; और जो लोग उस पशु पर और उसकी मूर्ति पर और उसके नाम के अंक पर जयवन्त हुए थे, उन्हें उस काँच के समुद्र के निकट परमेश्‍वर की वीणाओं को लिये हुए खड़े देखा। वे परमेश्‍वर के दास मूसा का गीत, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, “हे सर्वशक्‍तिमान प्रभु परमेश्‍वर, तेरे कार्य महान् और अद्भुत हैं; हे युग–युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्‍ची है”।