हे परमेश्वर, मेरा उद्धार कर, मैं जल में
डूबा जाता हूँ।
मैं बड़े दलदल में धँसा जाता हूँ, और मेरे पैर
कहीं नहीं रुकते;
मैं गहिरे जल में आ गया, और धारा में
डूबा जाता हूँ।
मैं पुकारते पुकारते थक गया, मेरा गला
सूख गया है;
अपने परमेश्वर की बाट जोहते जोहते,
मेरी आँखें धुँधली पड़ गई हैं।
जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे गिनती में मेरे सिर
के बालों से अधिक हैं;
मेरे विनाश करनेवाले जो व्यर्थ मेरे शत्रु हैं,
वे सामर्थी हैं,
इसलिये जो मैं ने लूटा नहीं वह भी मुझ
को देना पड़ा।
हे परमेश्वर, तू तो मेरी मूढ़ता को जानता है,
और मेरे दोष तुझ से छिपे नहीं हैं।
हे प्रभु, हे सेनाओं के यहोवा, जो तेरी बाट
जोहते हैं, उनकी आशा मेरे कारण न टूटे;
हे इस्राएल के परमेश्वर, जो तुझे ढूँढ़ते हैं,
उनका मुँह मेरे कारण काला न हो।
तेरे ही कारण मेरी निन्दा हुई है,
और मेरा मुँह लज्जा से ढँपा है।
मैं अपने भाइयों के सामने अजनबी हुआ,
और अपने सगे भाइयों की दृष्टि में
परदेशी ठहरा हूँ।
क्योंकि मैं तेरे भवन की धुन में जलते जलते
भस्म हुआ।
और जो निन्दा वे तेरी करते हैं, वही निन्दा
मुझ को सहनी पड़ी है।
जब मैं रोकर और उपवास करके दु:ख
उठाता था,
तब उससे भी मेरी नामधराई ही हुई।
जब मैं टाट का वस्त्र पहिने था,
तब मेरा दृष्टान्त उन में चलता था।
फाटक के पास बैठनेवाले मेरे विषय बातचीत
करते हैं,
और मदिरा पीनेवाले मुझ पर लगता हुआ
गीत गाते हैं।
परन्तु हे यहोवा, मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता
के समय में हो रही है;
हे परमेश्वर, अपनी करुणा की बहुतायत से,
और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के
अनुसार मेरी सुन ले।
मुझ को दलदल में से उबार कि मैं धँस
न जाऊँ;
मैं अपने बैरियों से, और गहिरे जल में से
बच जाऊँ।
मैं धारा में डूब न जाऊँ,
और न मैं गहिरे जल में डूब मरूँ,
और न पाताल का मुँह मेरे ऊपर बन्द हो।
हे यहोवा, मेरी सुन ले, क्योंकि तेरी
करुणा उत्तम है;
अपनी दया की बहुतायत के अनुसार मेरी
ओर ध्यान दे।
अपने दास से अपना मुँह न मोड़;
क्योंकि मैं संकट में हूँ, फुर्ती से मेरी सुन ले।
मेरे निकट आकर मुझे छुड़ा ले,
मेरे शत्रुओं से मुझ को छुटकारा दे।