ताकि छिपकर खरे मनुष्य को मारें; वे निडर होकर उसको अचानक मारते भी हैं। वे बुरे काम करने का हियाव बाँधते हैं; वे फन्दे लगाने के विषय बातचीत करते हैं, और कहते हैं, “हम को कौन देखेगा?” वे कुटिलता की युक्ति निकालते हैं; और कहते हैं, “हम ने पक्की युक्ति खोजकर निकाली है।” क्योंकि मनुष्य का मन और हृदय अथाह हैं!
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