भजन संहिता 63:1-11

भजन संहिता 63:1-11 HINOVBSI

हे परमेश्‍वर, तू मेरा परमेश्‍वर है, मैं तुझे यत्न से ढूँढ़ूँगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। इस प्रकार से मैं ने पवित्रस्थान में तुझ पर दृष्‍टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूँ। क्योंकि तेरी करुणा जीवन से भी उत्तम है, मैं तेरी प्रशंसा करूँगा। इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूँगा; और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊँगा। मेरा जीव मानो चर्बी और चिकने भोजन से तृप्‍त होगा, और मैं जयजयकार करके तेरी स्तुति करूँगा। जब मैं बिछौने पर पड़ा तेरा स्मरण करूँगा, तब रात के एक एक पहर में तुझ पर ध्यान करूँगा; क्योंकि तू मेरा सहायक बना है, इसलिये मैं तेरे पंखों की छाया में जयजयकार करूँगा। मेरा मन तेरे पीछे पीछे लगा चलता है; और मुझे तो तू अपने दाहिने हाथ से थाम रखता है। परन्तु जो मेरे प्राण के खोजी हैं, वे पृथ्वी के नीचे स्थानों में जा पड़ेंगे, वे तलवार से मारे जाएँगे, और गीदड़ों का आहार हो जाएँगे। परन्तु राजा परमेश्‍वर के कारण आनन्दित होगा; जो कोई ईश्‍वर की शपथ खाए, वह बड़ाई करने पाएगा; परन्तु झूठ बोलनेवालों का मुँह बन्द किया जाएगा।

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